loader

सीबीआई जाँच रिपोर्ट लीक होने पर अनिल देशमुख के वकील गिरफ़्तार

महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की प्रारंभिक जाँच रिपोर्ट लीक होने के मामले में सीबीआई ने देशमुख के वकील आनंद डागा को भी गिरफ्तार कर लिया है। आनंद को लेकर सीबीआई की टीम आज कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड लेकर दिल्ली जाएगी। इससे पहले सीबीआई ने अपनी ही जांच टीम के अधिकारी सब इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी को भी गिरफ्तार किया। सीबीआई का कहना है अभिषेक तिवारी ने देशमुख के वकील आनंद डागा को प्रारंभिक जांच की रिपोर्ट लीक की थी। इस मामले में देशमुख के जवाई गौरव चतुर्वेदी और वकील आनंद डागा को सीबीआई ने बुधवार शाम अचानक हिरासत में ले लिया था। बताया जा रहा है कि गौरव और आनंद दोनों वर्ली में अपने घर के बाहर गाड़ी लेकर जैसे ही निकले वैसे ही सीबीआई की एक टीम ने उनकी गाड़ी रोककर उन्हें हिरासत में ले लिया। सीबीआई ने गौरव को पूछताछ के बाद छोड़ दिया जबकि देशमुख के वकील आनंद डागा से सीबीआई की एक टीम अभी भी पूछताछ कर रही है।

सीबीआई सूत्रों का कहना है कि देशमुख का वकील आनंद सीबीआई के एक सब इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी के संपर्क में था।

ताज़ा ख़बरें

सीबीआई को ऐसी आशंका थी कि जूनियर अधिकारी अभिषेक तिवारी ने अनिल देशमुख मामले की प्रारंभिक जांच की रिपोर्ट वकील आनंद के साथ शेयर की थी। जिसके बाद उस रिपोर्ट को मीडिया में लीक कर दिया गया था। इसके चलते अनिल देशमुख ने ख़ूब सहानुभूति बटोरी थी। सीबीआई ने अनिल देशमुख के दामाद गौरव चतुर्वेदी, आनंद डागा और सब इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी पर कार्रवाई करने के अलावा इसी मामले में दिल्ली और इलाहाबाद में छापेमारी भी की थी।

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी के बड़े नेता नवाब मलिक ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार एजेंसियों के दम पर महाराष्ट्र में अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर रही है। नवाब मलिक का कहना है कि बुधवार शाम कुछ अज्ञात लोगों ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख के जवाई गौरव और उनके वकील को बीच रास्ते में रोक कर उन्हें उठा लिया। ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है कि वे सीबीआई के लोग थे।

cbi arrests anil deshmukh lawyer in preliminary probe report leak case - Satya Hindi

उधर महाराष्ट्र कांग्रेस ने भी अनिल देशमुख के जवाई और उनके वकील को सीबीआई हिरासत में लेने के बाद केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार बगैर क़ानूनों का पालन किये महाराष्ट्र सरकार और विपक्षी दलों को निशाना बना रही है।

क्या था मामला?

महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के कथित 100 करोड़ रुपए वसूली मामले में बड़ा खुलासा हुआ था। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगाये गए 100 करोड़ रुपये की वसूली के आरोप के मामले में सीबीआई की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आई थी। इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि प्रारंभिक जांच करने वाले सीबीआई के जांच अधिकारी डिप्टी सुपरिंटेंडेंट आर एस गुंज्याल ने कथित तौर पर महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को क्लीन चिट दे दी थी। लेकिन इसके बाद भी अनिल देशमुख के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर लिया गया। अब कांग्रेस और एनसीपी ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया और सरकार की मंशा पर सवाल उठाए।

महाराष्ट्र से और ख़बरें

कैसे चली जाँच?

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए 100 करोड़ रुपए की वसूली के आरोप के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने का फ़ैसला किया था। इसका महाराष्ट्र सरकार ने विरोध भी किया लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने अनिल देशमुख के ख़िलाफ़ प्रारंभिक जांच के आदेश सीबीआई को दे दिए। सीबीआई के आला अधिकारियों ने इस मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया और इसकी ज़िम्मेदारी सीबीआई के डिप्टी एसपी आर एस गुंज्याल को दी। गुंज्याल ने परमबीर सिंह के साथ-साथ मुंबई पुलिस के कई अधिकारियों के बयान दर्ज किए। सीबीआई की टीम ने मुंबई पुलिस के एसीपी संजय पाटिल का भी बयान दर्ज किया, जिन्होंने वाट्सऐप चैट के ज़रिए पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह से बात की थी। वाट्सऐप चैट का हवाला देते हुए परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए की वसूली के आरोप लगाए थे।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
सोमदत्त शर्मा

अपनी राय बतायें

महाराष्ट्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें