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अंबानी केस: वाजे ने मिटा दिए थे सुबूत, कहा- चर्चा में आने के लिए रची साज़िश

एनआईए मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास विस्फोटकों से भरी कार मिलने की गुत्थी सुलझाने के काफी करीब है। क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के हेड रहे सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद एनआईए लगातार छापेमारी कर इस बात का पता लगाने की कोशिश में जुटी हुई है कि आखिरकार सचिन वाजे ने स्कॉर्पियो कार के अंदर विस्फोटक क्यों रखा था। 

एनआईए ने सचिन वाजे के क्राइम ब्रांच के ऑफिस में जो छापेमारी की थी उसमें फिलहाल क्राइम ब्रांच को सुबूत मिटाने की जानकारी हाथ लगी है।

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वाजे के दफ्तर पर मारा था छापा 

सोमवार रात को एनआईए की एक टीम ने क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (सीआईयू) के उस दफ्तर पर छापा मारा था जहां सचिन वाजे बैठते थे। छापेमारी में एनआईए ने सचिन वाजे के लैपटॉप, कम्प्यूटर, आईपैड और कुछ कागजात ज़ब्त किए थे। एनआईए की जांच में पता लगा है कि सचिन वाजे ने अपने लैपटॉप, कम्प्यूटर और आईपैड से सुबूतों को नष्ट कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस केस से जुड़े हुए बहुत से दस्तावेज नष्ट कर दिए गए हैं। अब एनआईए टेक्निकल एक्सपर्ट से नष्ट किए गए सुबूतों को दोबारा वापस प्राप्त करने का प्रयास कर रही है। 

रियाजुद्दीन काज़ी से पूछताछ

एनआईए साथ ही सचिन वाजे के साथ काम करने वाले असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर रियाजुद्दीन काज़ी से भी लगातार तीन दिन से कड़ाई से पूछताछ कर रही है कि आखिर सीआईयू के दफ़्तर में किसने सुबूतों को नष्ट किया। एनआईए के अधिकारियों ने जब वाजे से उनका मोबाइल फोन मांगा तो वाजे ने पहले तो यह बहाना बना दिया कि वह मोबाइल कहीं रखकर भूल गये हैं लेकिन हकीक़त यह है कि वाजे ने जानबूझकर मोबाइल को कहीं फेंक दिया था जिससे मोबाइल से कोई सुबूत ना मिल सके।  

वाजे ही चला रहे थे इनोवा

एनआईए के सूत्रों ने उस रहस्य से पर्दा हटा दिया है जिसकी चर्चा कई दिन से चल रही थी। सचिन वाजे ने एनआईए के अधिकारियों को बताया है कि जिस समय स्कॉर्पियो कार को मुकेश अंबानी के घर के पास खड़ा किया गया था उसके पीछे चल रही इनोवा कार को वही चला रहे थे। 

इलाक़े की एक दुकान में लगे सीसीटीवी में दिख रहा था कि जिस समय स्कॉर्पियो कार को एंटीलिया के पास खड़ा किया गया, उसके पीछे सफेद रंग की इनोवा कार दिखाई दी थी। बाद में एनआईए की जांच में यह खुलासा हुआ कि वह इनोवा कार सचिन वाजे की सरकारी गाड़ी थी जो पुलिस महकमे से उन्हें मिली हुई थी। 

एनआईए की जांच में यह बात भी सामने आई है कि स्कॉर्पियो कार को कोई और नहीं बल्कि क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट का एक पुलिस कर्मी चला रहा था। एनआईए ने स्कॉर्पियो के ड्राइवर से भी इस बारे में पूछताछ की है।

घटना की रात वाली सीसीटीवी फुटेज में एक शख्स पीपीई किट पहना हुआ नज़र आ रहा था। जब एनआईए के अधिकारियों ने उस सीसीटीवी फुटेज की जांच की और सचिन वाजे से पूछताछ की तो पता चला कि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा शख़्स कोई और नहीं बल्कि सचिन वाजे ही था। वाजे ने अपनी पहचान छिपाने के लिए लंबे रुमाल से अपने सिर को बांधा और उसके बाद ढीले-ढाले कुर्ता पायजामा पहने ताकि किसी को उसके हुलिए पर कोई शक ना हो। 

सारांश भवसार की है कार 

मंगलवार को एनआईए ने जिस मर्सिडीज कार को सचिन वाजे की निशानदेही पर ज़ब्त किया था वह कार महाराष्ट्र के धुले के सारांश भावसार नाम के व्यक्ति की है। सारांश राजनीति में सक्रिय है और 2019 तक बीजेपी के एमएलए रह चुके अनिल गोटे का खास आदमी बताया जाता है। गोटे ने 2018 में बीजेपी छोड़ दी थी और फिर शरद पवार की पार्टी एनसीपी में शामिल हो गए थे।

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स्कॉर्पियो और इनोवा।

बेच दी थी मर्सिडीज कार 

‘सत्य हिंदी’ ने जब सारांश भावसार से बात की तो उसने कहा कि जो मर्सिडीज कार एनआईए ने ज़ब्त की है वह उस कार को काफी दिन पहले किसी को बेच चुका था। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या यह कार सचिन वाजे ने सारांश भावसार से खरीदी थी। सारांश भावसार टूर एंड ट्रैवल्स का बिजनेस करता है। 

पिछले साल 11 दिसंबर को सारांश ने अपनी एक फेसबुक पोस्ट के जरिए यह भी खुलासा किया था कि उसका मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड से किसी काम को लेकर करारनामा हुआ है। ऐसे में सारांश से जब रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड से हुई उस डील के बारे में पूछा गया तो उसने इस बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया। 

ठाकरे ने की हालात पर चर्चा 

मंगलवार रात को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गृह मंत्री अनिल देशमुख, महाराष्ट्र के डीजीपी हेमंत नागराले और मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह से तीन घंटे तक राज्य में पैदा हुए संकट पर बात की। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि मुंबई में बड़े पुलिस अधिकारियों में फेरबदल किया जा सकता है। एनआईए के एक बड़े अधिकारी के सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि एनआईए बहुत जल्द मुंबई पुलिस के एक बड़े अधिकारी से पूछताछ कर सकती है।

एंटीलिया केस में भले ही रोज खुलासे हो रहे हैं लेकिन जांच एजेंसी एनआईए अभी उस मुकाम पर नहीं पहुंची है जिससे यह कहा जा सके कि आखिरकार सचिन वाजे ने इस पूरी घटना को किसके कहने पर और किस वजह से अंजाम दिया था।

वाजे का कुबूलनामा 

वैसे, सचिन वाजे से जब एनआईए ने पूछताछ में स्कॉर्पियो कार में विस्फोटक रखने को लेकर सवाल किया था, तो पहले तो वाजे ने विस्फ़ोटक रखने से इनकार कर दिया लेकिन बाद में जब एनआईए ने कड़ाई से पूछताछ की तो वाजे ने कहा कि पिछले काफी समय से कोई उसके ऊपर ध्यान नहीं दे रहा था जिसके चलते लाइम लाइट में आने के लिए उसने इस तरह की घटना की साजिश रची। हालांकि सचिन वाजे का यह कुबूलनामा एनआईए के अधिकारियों के गले से नीचे नहीं उतर रहा है।

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शिव सेना वाजे के साथ! 

दूसरी ओर, शिव सेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत पहले ही कह चुके हैं कि केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों के दम पर मुंबई पुलिस और एटीएस को बदनाम कर सरकार पर अनावश्यक दबाव डालने का प्रयास कर रही है। संजय राउत तो सचिन वाजे के समर्थन में पूरी तरह खड़े दिखाई दे रहे हैं। राउत का कहना है कि सचिन वाजे काफी ईमानदार अफसर रहे हैं। 

उधर, एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने भी संजय राउत की हां में हां मिलाते हुए कहा कि केंद्र सरकार का राज्य के इस केस में हस्तक्षेप कुछ संदेह पैदा करता है। पवार ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस तरह का हस्तक्षेप सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के मामले में भी कर चुकी है लेकिन वहां पर केंद्र को अपने मुंह की खानी पड़ी थी।

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सोमदत्त शर्मा

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