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समीर वानखेड़े कहीं फ़िल्मी सितारों से वसूली करने तो मालदीव नहीं गए थे: नवाब मलिक

महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने गुरुवार को एक बार फिर एनसीबी के ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर गंभीर आरोप लगाए हैं। नवाब मलिक का कहना है कि सितंबर महीने में समीर वानखेड़े अपने परिवार के साथ छुट्टियाँ बिताने के लिए मालदीव गए थे। मलिक ने बताया कि उसी दौरान फ़िल्म इंडस्ट्री के भी कुछ लोग मालदीव में थे। ऐसे में मलिक ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि कहीं समीर वानखेड़े ने मालदीव में कुछ फ़िल्मी सितारों से कोई कार्रवाई नहीं करने के एवज में कोई वसूली तो नहीं की थी? 

नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े के परिवार वालों की कुछ तसवीरें भी जारी की हैं, जिनमें वे लोग मालदीव में घूमते हुए नज़र आ रहे हैं। उन्होंने समीर वानखेड़े के दुबई जाने पर भी सवाल उठाए। इसके बाद इस पर विवाद बढ़ गया है। समीर वानखेड़े ने सफ़ाई में कहा है कि ये सभी आरोप ग़लत हैं। 

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जबसे शाहरुख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान को एनसीबी ने गिरफ्तार किया है तभी से एनसीपी के नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक एनसीबी के ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर आरोपों की बौछार कर रहे हैं। मलिक ने समीर वानखेड़े पर एक और गंभीर आरोप लगाया है। नवाब मलिक ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद समीर वानखड़े एनसीबी में आये थे। उसके बाद वानखेड़े ने सबसे पहले रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शोविक चक्रवर्ती को सुशांत राजपूत को ड्रग्स देने और खुद लेने के जुर्म में गिरफ्तार किया था। उसके बाद कई और दूसरे फ़िल्मी सितारों को समीर वानखेड़े ने एनसीबी के दफ़्तर में हाजिरी लगवाई। अब नवाब मलिक ने आरोप लगाया है कि इसी साल सितंबर में समीर वानखेड़े अपनी बहन और पत्नी के साथ मालदीव गए थे। मलिक ने कहा है कि इस बारे में वानखेड़े को खुलासा करना चाहिए।

एनसीपी नेता नवाब मलिक ने ट्विटर पर वीडियो बयान जारी कर आरोप लगाया है। 

नवाब मलिक के दावे पर एनसीबी डीडीजी अशोक मुथा जैन ने एएनआई से कहा कि एनसीबी में शामिल होने के बाद दुबई जाने के लिए समीर वानखेड़े की ओर से कोई आवेदन नहीं आया था, लेकिन उन्होंने अपने परिवार के साथ मालदीव जाने की अनुमति मांगी थी। इन आरोपों पर एनसीबी के ज़ोनल डायरेक्टर वानखेड़े ने मालदीव में छुट्टी मनाने की बात मानी है, लेकिन दुबई जाने के दावों को खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि इसके लिए वह किसी भी जाँच के लिए तैयार हैं। 

बहरहाल, नवाब मलिक ने अपने दावे की पुष्टि के लिए ट्विटर पर कुछ तसवीरें साझा की हैं। उन्होंने एक ट्वीट में एक तसवीर साझा करते हुए लिखा है, 'समीर वानखाड़े ने इस बात को स्वीकार किया है कि उन्होंने मालदीव का दौरा किया था लेकिन उन्होंने दुबई की यात्रा से इनकार किया। यह उनकी बहन के साथ उनकी दुबई यात्रा का प्रमाण है। समीर वानखाड़े 10 दिसंबर 2020 को दुबई के ग्रैंड हयात होटल में थे। उनका झूठ बेनकाब हो गया है।'

मलिक ने कहा कि फ़िल्म इंडस्ट्री के लोगों को सिर्फ़ वाट्सऐप चैट के आधार पर गिरफ़्तार किया जा रहा है। रिया चक्रवर्ती को बेवजह गिरफ्तार किया गया और रिया को जमानत देते वक़्त अदालत ने भी कहा था कि रिया के ख़िलाफ़ एनसीबी कोई पुख्ता सबूत नहीं दे पाई। इसके बाद से एनसीबी ने दीपिका पादुकोण से लेकर श्रद्धा कपूर और कॉमेडियन भारती सिंह और उनके पति हर्ष लिम्बाचिया पर शिकंजा कसा। भारती और हर्ष को तो एनसीबी ने गिरफ्तार भी किया था।

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इससे पहले मलिक ने वानखेड़े पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने एनसीबी के तीन अलग अलग केसों में एक ही व्यक्ति फ्लेचर पटेल को गवाह बनाया था। मलिक ने बताया था कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की मुंबई यूनिट ने 25 नवंबर 2020 को CR नंबर 38/20 के तहत ड्रग्स का एक मामला दर्ज किया था। मलिक का कहना है कि इस केस में फ्लेचर पटेल नाम के शख्स को इंडिपेंडेंट गवाह बनाया गया था। इसके बाद एनसीबी की टीम ने समीर वानखेड़े के नेतृत्व में 9 दिसंबर 2020 और 2 जनवरी 2021 को दो और ड्रग्स की कार्रवाई की जिनमें दो अलग अलग मामले दर्ज किए गए। नवाब मलिक ने खुलासा करते हुए कहा था कि इस दोनों केस में भी समीर वानखेड़े ने फ्लेचर पटेल को गवाह के तौर पर दिखाया था। तीन अलग-अलग केसों में एक ही गवाह को बनाकर मलिक ने एनसीबी के मुंबई जोन के ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को कटघरे में खड़ा कर दिया था।

मलिक का कहना था कि फ्लेचर के वानखेड़े के साथ घरेलू संबंध हैं इसलिए हर केस में फ्लेचर को गवाह बनाया गया। इसलिए सवाल उठता है कि वानखेड़े ने फ्लेचर को तीन अलग-अलग केसों में गवाह कैसे बनाया?

कुछ दिनों पहले ही नवाब मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके एनसीबी पर हमला बोला था कि जब क्रूज ड्रग्स मामले में छापेमारी की थी तो उसने वहाँ से 11 लोगों को हिरासत में लिया था। मलिक ने कहा था कि एनसीबी के अधिकारी बीजेपी कार्यकर्ता मनीष भानुशाली और केपी गोसावी के साथ आरोपियों को लेकर एनसीबी के दफ़्तर पहुंचे थे। बीजेपी नेता मोहित कंबोज को जैसे ही इस बात की जानकारी लगी कि उनके साले ऋषभ सचदेवा को एनसीबी ने हिरासत में ले लिया है तो मोहित के दबाव के बाद ऋषभ सचदेवा और दो अन्य दूसरे लोग प्रतीक गाबा और आमिर फर्नीचरवाला को छोड़ दिया गया।

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नवाब मलिक ने कहा कि छापेमारी के बाद जब समीर वानखेड़े ने मीडिया से बात की थी तो उस समय 8 से 10 लोगों की गिरफ्तारी की बात उन्होंने कही थी, लेकिन मलिक ने समीर वानखेड़े पर सवाल उठाते हुए कहा कि वैसे तो 11 लोगों को हिरासत में लिया गया था लेकिन बीजेपी नेताओं के दवाब के चलते तीन लोगों को समीर वानखेड़े को छोड़ना पड़ा।

बीजेपी कार्यकर्ता मनीष भानुशाली और केपी गोसावी का खुलासा भी नवाब मलिक ने ही किया था और आरोप लगाए थे कि दो प्राइवेट लोग आख़िरकार एनसीबी की इस कार्रवाई में कैसे शामिल हो गए थे। उसके बाद से एनसीबी के अधिकारी बैकफुट पर आ गए थे। इसके बाद केपी गोसावी के ख़िलाफ़ पुणे पुलिस ने एक धोखाधड़ी के मामले में लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया था जिसमें वो अभी फरार है, जबकि उसकी सहयोगी को पुणे पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।

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सोमदत्त शर्मा

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