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100 करोड़ उगाही केस: अब आई वाजे की चिट्ठी, दो मंत्रियों पर लगाये आरोप

मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए 100 करोड़ की उगाही के आरोपों के बाद अब महाराष्ट्र में एक और चिट्ठी ने तहलका मचा दिया है। एंटीलिया कांड में फिलहाल एनआईए की कस्टडी में दिन काट रहे मुंबई क्राइम ब्रांच के निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने बहुत बड़ा खुलासा किया है। 

वाजे ने 3 पेज की चिट्ठी लिखी है और इसमें पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और शिवसेना के मंत्री अनिल परब पर पैसों की उगाही के गंभीर आरोप लगाए हैं।

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सचिन वाजे ने एनआईए की कस्टडी में ही 3 अप्रैल को लिखी चिट्ठी में दावा किया है कि मुंबई पुलिस में उसकी बहाली के लिए शरद पवार ने मना कर दिया था लेकिन पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने उसे भरोसा दिलाया कि अगर वह दो करोड़ रुपये का इंतजाम कर देगा तो उसको नौकरी पर रख लिया जाएगा। लेकिन सचिन वाजे ने दो करोड़ की राशि देने में असमर्थता जताई तो देशमुख ने कहा कि बाद में वह दो करोड़ रुपये का इंतजाम कर दे। 

इसके बाद अनिल देशमुख के कहने पर सचिन वाजे को फिर से नौकरी में रख लिया गया और मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट का हेड बना दिया गया।

सचिन वाजे ने चिट्ठी में यह भी दावा किया है कि जुलाई और अगस्त, 2020 में शिव सेना के कोटे से मंत्री अनिल परब ने उन्हें अपने सरकारी बंगले पर बुलाया। उस दौरान मुंबई सहित महाराष्ट्र में आईपीएस अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग चल रही थी।
वाजे के मुताबिक़, “अनिल परब ने मुझसे कहा कि SBUT ट्रस्ट के खिलाफ एक जांच चल रही है, इस ट्रस्ट के ट्रस्टी को मेरे साथ मीटिंग में बैठाओ और उनसे 50 करोड़ में केस खत्म करने के लिए कहो। मैंने अनिल परब से कहा कि मैं SBUT ट्रस्ट में किसी को नहीं जानता हूं और मैं इस केस का जांच अधिकारी भी नहीं हूं, ऐसे में यह संभव नहीं हो सकता है।”
Sachin vaze letter claim about anil deshmukh   - Satya Hindi
वाजे की चिट्ठी का पहला पेज।

वाजे ने चिठ्ठी में आगे लिखा है, “जनवरी, 2021 में अनिल परब ने दोबारा मुझे अपने सरकारी बंगले पर बुलाया और बीएमसी में ब्लैकलिस्ट रहे ऐसे 50 कॉन्ट्रैक्टर से 2 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा। परब ने मुझसे यह भी कहा कि इन कॉन्ट्रैक्टर से कह देना कि अगर ये सभी दो करोड़ रुपये दे देंगे तो सीआईयू में चल रहे इनके केस को कमजोर कर दिया जाएगा।”

वाजे ने चिट्ठी में यह भी दावा किया है कि तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने जनवरी, 2021 में उसे अपने सरकारी बंगले ज्ञानेश्वरी पर मिलने के लिए बुलाया था। उस मीटिंग में अनिल देशमुख के पीए कुंदन भी मौजूद थे। वाजे के मुताबिक़, मीटिंग में देशमुख ने कहा कि मुंबई में 1650 बार और रेस्तरां हैं और इनसे तीन से साढ़े तीन लाख रुपये हर महीने की उगाही करनी है। 

Sachin vaze letter claim about anil deshmukh   - Satya Hindi

वाजे ने लिखा है, “लेकिन मैंने इसमें असमर्थता जताई और कहा कि 1650 बार और रेस्तरां से वह इतनी रकम इकट्ठा नहीं कर सकता। जैसे ही मैं मीटिंग से बाहर निकला गृह मंत्री के पीए कुंदन ने मुझसे कहा कि अगर उसे अपनी जॉब पर रहना है तो उसे इस तरह की उगाही करनी होगी। लेकिन इसके बाद मैंने कुंदन को भी ऐसा करने से मना कर दिया।”

मीटिंग से लौटने के बाद मैंने पूरी कहानी पुलिस कमिश्नर रहे परमबीर सिंह को बताई। परमबीर सिंह ने मुझसे कहा कि इस तरह की किसी भी अवैध गतिविधि का काम नहीं करना है। कमिश्नर साहब ने मुझे ऐसा कोई काम नहीं करने का सख्त आदेश दिया। इसके बाद मैंने सीपी साहब को यह भी कहा कि मुझे अगले कुछ समय में किसी ग़लत गतिविधि में फंसा दिया जाएगा।

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परमबीर सिंह की चिट्ठी 

वाजे की इस चिट्ठी से एक बार फिर से महाराष्ट्र में भूचाल आ गया है। विपक्ष को ठाकरे सरकार पर हमला करने का एक और मौका मिल गया है। कुछ दिन पहले ही मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को ऐसी ही चिट्ठी लिखकर कहा था कि अनिल देशमुख एपीआई सचिन वाजे से हर महीने 100 करोड़ रुपये उगाही का दबाव बना रहे थे। 

ऐसे में वाजे की इस चिट्ठी ने एक बार फिर से अनिल देशमुख को मुश्किल में डाल दिया है। इस उगाही कांड की जांच सीबीआई कर रही है, ऐसे में अनिल देशमुख पर सीबीआई का फंदा और फंस सकता है।

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गुटखा-तंबाकू व्यापारियों से वसूली की बात

सचिन वाजे ने चिट्ठी में आगे लिखा है, “नवंबर, 2020 में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के करीबी आदमी होने का दावा करने वाले दर्शन घोड़ावत नाम के एक व्यक्ति ने उसे फोन किया था। घोड़ावत ने कहा कि महाराष्ट्र में गुटखा और तंबाकू का बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से व्यापार चल रहा है और उसने इन अवैध गुटखा और तंबाकू के व्यापारियों से 100 करोड़ रुपये प्रति महीने की उगाही करने के लिए कहा था। इसके लिए घोड़ावत ने कुछ फोन नंबर भी दिए थे, लेकिन मैंने घोड़ावत से ऐसा करने से इनकार कर दिया था।” 

वाजे ने लिखा है, “घोड़ावत ने मुझे चेतावनी भी दी थी कि अगर तुम ऐसा नहीं करोगे तो तुम्हें एक बार फिर नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। इसके बाद मैंने मुंबई के गुटखा और तंबाकू के कुछ व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की थी लेकिन इससे घोड़ावत संतुष्ट नहीं हुआ।” 

वाजे ने लिखा है, “घोड़ावत एक दिन मेरे ऑफिस आया और कहा कि इन तंबाकू और गुटखा के व्यापारियों से कहो कि या तो वे उससे (घोड़ावत से) स्वयं मुलाकात करें या फिर डिप्टी सीएम अजित पवार से मिलें लेकिन मैंने ऐसा करने से मना कर दिया था।”

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सोमदत्त शर्मा

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