टीवी के जाने-माने चेहरा और वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के निधन की पुष्टि उनकी बेटी ने की है। उनकी पत्नी का भी कोरोना के ख़िलाफ़ लंबी लड़ाई के बाद निधन हो गया था।
‘महाभोज’ लिखने की प्रेरणा के मूल में आपातकाल के बाद सत्ता परिवर्तन के दौर में 1977 में बिहार के बेलछी गाँव का वह सामूहिक दलित हत्याकांड था, जिसने इंदिरा गांधी की वापसी और राजनीतिक पुनर्जीवन का द्वार खोला था।
अपराजिता शर्मा का 15 अक्टूबर को निधन हो गया। वह मिरांडा हाउस कॉलेज में हिंदी की एसोसिएट प्रोफेसर थीं। उनका बनाया हिमोजी एप बहुत चर्चित हुआ था। कुछ साल पहले हिमोजी एप लांच हुआ था। जानिए, उनके बारे में क्या लिखते हैं वरिष्ठ पत्रकार प्रियदर्शन।
गांधीवादी एस एन सुब्बाराव को कैसे याद किया जाएगा? आंदोलनों में उनकी भागीदारी कैसी थी? जानिए, उनको क़रीब से जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग कैसे याद करते हैं।
आज कल्याण सिंह के जाने के बाद, उनके कद के ओबीसी नेता के अभाव में बीजेपी को उत्तर प्रदेश में फिर अति पिछड़े वोट बैंक को पाने के लिये किसी नए कल्याण सिंह की ज़रूरत महसूस हो रही है।
पद्मश्री से सम्मानित कवयित्री पद्मा सचदेव का बुधवार को निधन हो गया। सचदेव का जन्म 1940 में जम्मू में हुआ था। उनके निधन पर चंचल ने उनको इस तरह याद किया...
सुरेखा सीकरी (1945-2021) घर-घर में पहचानी जाने वाली अभिनेत्री थीं और ऐसा हुआ धारावाहिक ‘बालिका वधू’, की वजह से जिसमें उन्होंने कल्याणी सिंह उर्फ दादी-सा का किरदार निभाया था।
थिएटर आर्टिस्ट, तीन बार नेशनल अवॉर्ड जीत चुकीं अभिनेत्री सुरेखा सिकरी का निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रही थीं। पढ़िए चंचल उनको कैसे याद करते हैं...