अभी महाराष्ट्र में सरकार किसी की नहीं बनी है, लेकिन संकेत बीजेपी के लिए बहुत साफ़ हैं। न केवल विपक्ष के पैरों में थिरकन दिखाई देने लगी है, बल्कि उसके अपने सहयोगी, उसे आँख दिखाने लगे हैं।
भारत-पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों द्वारा अपने-अपने देश की हदों में किए गए उद्घाटन समारोहों के बाद, 9 नवंबर से करतारपुर गलियारा बाक़ायदा शुरू हो गया। इससे दिलों के बीच की दूरियाँ तो मिटेंगी, लेकिन क्या राजनीतिक ख़तरे नहीं बढ़ेंगे?
9 नवंबर को पाकिस्तान और भारत के बीच बना करतारपुर गलियारा भारत के सिख श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। क्या यह दोनों देशों के लोगों के बीच उम्मीद की किरण लेकर आया है?
नोटबंदी क्या भारत की राजनीति में बोला गया सबसे बड़ा झूठ है? क्या नोटबंदी ने देश की अर्थव्यवस्था को रसातल में पहुँचा दिया? 8 नवंबर को देश नोटबंदी की तीसरी बरसी झेल रहा है।
जलियाँवाला बाग़ में ब्रिटिश सरकार द्वारा किए गए जघन्य हत्याकांड के 102 साल हो गए। इसके साथ ही यह सवाल भी उठता है कि भारत के राजनेताओं ने इससे क्या सीखा है और क्यों इसकी बहुलतावादी परंपरा पर ख़तरा मंडरा रहा है।
भारत ने आरसीईपी पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया है। डेरी उत्पादों पर आशंका है कि देश के किसान बर्बाद हो जाएँगे। आख़िर क्यों न्यूज़ीलैंड से जैसे छोटे देश के आगे टिकने के काबिल नहीं हैं?
सस्पेंस ख़त्म हो गया है। आख़िरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंकॉक में एलान कर दिया कि भारत आरसीईपी के समझौते पर दस्तख़त नहीं करेगा। यानी दुनिया के सबसे बड़े आर्थिक सहयोग समूह में भारत शामिल नहीं होगा।