बीजेपी कार्यसमिति की बैठक ऐसे समय हो रही है जब किसान आंदोलन के कारण उसे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में भी बड़ा सियासी नुक़सान होने का डर सता रहा है।
क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू के उग्र तेवरों के बीच कांग्रेस की कोशिश पंजाब का चुनाव जीतने की है। ऐसे में वह प्रशांत किशोर की ओर देख रही है।
हिमाचल प्रदेश में मिली हार से बीजेपी का राज्य और राष्ट्रीय नेतृत्व सकते में है। उसे ऐसे नतीजों की उम्मीद नहीं थी। क्या इसका असर विधानसभा चुनाव पर भी होगा?
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और बीजेपी में पिछड़ी जाति के बड़े चेहरे केशव प्रसाद मौर्य के ताज़ा बयान के बाद बीजेपी में सीएम के चेहरे को लेकर बहस छिड़ गई है।
ममता का टीएमसी का सियासी विस्तार करना ग़लत नहीं है लेकिन इस सियासी विस्तार से विपक्षी एकता कमज़ोर हो और बीजेपी को फ़ायदा मिले तो सवाल ज़रूर खड़े होते हैं।