जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती की हिरासत तीन महीने के लिए बढ़ा दी है। इनके साथ कई और नेताओं की हिरासत भी तीन महीने के लिए बढ़ाई गई है। वह पिछले नौ महीने से ज़्यादा समय से हिरासत में हैं।
सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 370 में बदलाव कर जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को ख़त्म करने के मामले को अब बड़ी बेंच के पास नहीं भेजेगा। इस बदलाव को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एनवी रमन के नेतृत्व में पाँच जजों की बेंच ने यह फ़ैसला दिया।
कश्मीर के दौरे पर हाल ही में आए यूरोपियन सांसदों यानी एमईपी के दौरे को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट आई है। रिपोर्ट के अनुसार उनकी यात्रा फ़ेक मीडिया और थिंक टैंक से जुड़ी थी।
केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू-कश्मीर में कई बदलाव होंगे, नया कश्मीर पुडुचेरी की तरह होगा। यहाँ लेफ़्टीनेंट गवर्नर होंगे, विधानसभा भी होगा और यह केंद्र के अधीन भी काम रहेगा।
यूरोपीय संसद के 27 सदस्यों को जम्मू-कश्मीर जाने के लिए निमंत्रित करने और यात्रा आयोजित करने वाला संगठन वूमन्स इकोनॉमिक एंड सोशल थिंक टैंक (डब्लू ई एस टी टी) यानी वेस्ट विवादों में हैं।
यूरोपीय सांसदों को जम्मू-कश्मीर का दौरा क्यों कराया गया? इससे फ़ायदा तो नहीं होता दिख रहा है, लेकिन नुक़सान ज़बरदस्त होता दिख रहा है। तो मोदी सरकार को किसने दिया ऐसा सुझाव? क्या कोई जानबूझकर प्रधानमंत्री मोदी की छवि को नुक़सान पहुँचाना चाहता है? सत्य हिंदी पर देखिए आशुतोष की बात।
कश्मीर दौरे पर आए यूरोपीय संसद के सदस्यों के दल में सभी 6 सांसद एक ही पार्टी जस्टिस एंड लॉ पार्टी से हैं। यह पार्टी राष्ट्रवादी और दक्षिणपंथी विचारधारा वाली है।
यूरोपीय संसद के 23 सदस्यों के जम्मू-कश्मीर दौरे पर सोशल मीडिया पर ज़बरदस्त प्रतिक्रिया हो रही है। ट्विटर पर #ये_कैसा_राष्ट्रवाद ट्रेंड कर रहा है, जिससे सैकड़ों लोग जुड़ गए हैं।
यूरोपीय संसद के 27 सदस्यों का दल कश्मीर दौरे पर है। इसी दल में से एक है फ़्रांस के 6 सदस्यों का दल। सभी एक ही पार्टी ‘नेशनल रैली’ पार्टी से हैं। क्या हैं उनके मुसलिमों के बारे में विचार हैं।