केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में चल रही राजनीतिक उठापटक पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने महाराष्ट्र में राज्यपाल के राष्ट्रपति शासन लगाने के फ़ैसले का बचाव किया है।
मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए बीजेपी से अपना 30 साल पुराना गठबंधन तोड़ने वाली शिवसेना जिनके भरोसे सरकार बनाने का सपना देख रही थी, उन्होंने ही उसका सपना चकनाचूर कर दिया है।
शिवसेना को मुख्यमंत्री पद की कुर्सी की कितनी चाहत है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसके लिए उसने बीजेपी के साथ तीन दशक पुरानी अपनी दोस्ती को तोड़ दिया।
बीजेपी की ओर से सरकार बनाने में अक्षमता ज़ाहिर करने के बाद इस बात की अटकलें तेज़ हो गई हैं कि राज्य में कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना मिलकर सरकार बना सकते हैं।
आख़िरकार बीजेपी ने महाराष्ट्र में सरकार नहीं बनाने का फ़ैसला किया है। देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में बीजेपी नेताओं ने शाम को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाक़ात के बाद यह बात साफ़ कर दी।
मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा, यह दावा भले ही शिवसेना बरसों से कर रही है लेकिन आज उसके इस ख़्वाब को साकार कराने में शरद पवार की ही महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
महाराष्ट्र में चल रही राजनीतिक अस्थिरता के बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र के सबसे बड़े राजनीतिक दल बीजेपी को सरकार बनाने का न्यौता दिया है।
बीजेपी गुरुवार को भी सरकार बनाने का दावा क्यों नहीं पेश कर पाई? शिवसेना ने क्यों दी धमकी कि उनके विधायकों को छूने की हिम्मत न करे बीजेपी? शिवसेना को अपने विधायकों को होटल में क्यों ले जाना पड़ा? बीजेपी का खेल ख़त्म करने पर तुली है शिवसेना? देखिए सत्य हिंदी पर आशुतोष की बात।
उद्धव ठाकरे की ओर से मातोश्री में नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई गई थी। जिसके बाद शिवसेना ने अपने विधायकों को ख़रीद-फरोख़्त के डर से एक होटल में भेज दिया है।