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नागरिकता क़ानून: शायर मुनव्वर राणा की बेटियों सहित 150 लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर

नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के ख़िलाफ़ देश भर में विरोध प्रदर्शन जारी हैं। दिल्ली के ‘शाहीन बाग़’ की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी राजधानी लखनऊ सहित कई जगहों पर लोग इस क़ानून के विरोध में आवाज़ बुलंद कर रहे हैं। दिल्ली में ही कई जगहों पर सर्द रातों में महिलाएं और पुरूष इस क़ानून के ख़िलाफ़ सड़कों पर धरना दे रहे हैं। आंदोलनकारियों की मांग है कि केंद्र सरकार इस क़ानून को तुरंत वापस ले। 

लखनऊ के इतिहास में महिलाओं के इस पहले अनूठे प्रदर्शन में सक्रिय भूमिका निभा रहीं मशहूर शायर मुनव्वर राणा की दो बेटियों सुमैय्या और फौजिया पर पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मुक़दमे दर्ज किये हैं। इससे पहले कड़ाके की ठंड में धरना दे रही महिलाओं के कंबल छीन कर लखनऊ पुलिस सोशल मीडिया में खासी बदनाम हो चुकी है। 

सुमैय्या खुद एक शायर हैं और बीते काफी दिनों से वह सीएए व एनआरसी के विरोध में शांतिपूर्वक अपना विरोध दर्ज कराती रही हैं। सोमवार देर रात इस संवाददाता की मौजूदगी में जब सुमैय्या पर मुक़दमा दर्ज किए जाने की खबर घंटाघर पर पहुंची तो वहां मौजूद हजारों महिलाओं और बच्चों ने कहा कि वे भी उसके साथ जेल जाएंगे। घंटाघर पर सीएए के विरोध में चल रहे दिन-रात के प्रदर्शन में लगातार हिस्सेदारी कर रहीं युवा नेत्री पूजा शुक्ला को मंगलवार दोपहर घर लौटने के बाद पुलिस ने नजरबंद कर दिया था। 

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शायर मुनव्वर राणा अपनी दोनों बेटियों सुमैय्या और फौजिया पर हुई पुलिस की कारवाई से आहत हैं। सुमैय्या पर मुक़दमे के बाद लोगों की सोशल मीडिया पर तीख़ी प्रतिक्रिया देखकर मंगलवार को बीजेपी ने अपनी दो अल्पसंख्यक नेत्रियों फरहत नक़वी और रुमाना सिद्दीक़ी को मैदान में उतारा। दोनों ने मुनव्वर राणा पर हमला बोला और सीएए के विरोध को बेमानी बताया।

दमन चक्र चला रही पुलिस

सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ घंटाघर पर चल रहे प्रदर्शन को लेकर लखनऊ पुलिस ने मुनव्वर राणा की दो बेटियों सहित 150 लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया है। लखनऊ के ठाकुरगंज थाने में तीन अलग-अलग मुक़दमे दर्ज हुए हैं। इसमें रास्ता जाम कर प्रदर्शन करने, सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने, धारा 144 का उल्लंघन व बलवा का मामला दर्ज किया गया है। 

छात्र नेत्री और अब सपा कार्यकर्ता पूजा शुक्ला पर भी मुक़दमा दर्ज किया गया है। लखनऊ के एडीसीपी विकास चंद्र त्रिपाठी के मुताबिक़ बीते शनिवार रात से ही डिफेंस एक्सपो व गणतंत्र दिवस समारोह के चलते धारा 144 लगा दी गयी है। ऐसे में घंटाघर पर चल रहा प्रदर्शन पूरी तरह अवैधानिक हो गया है और पुलिस लोगों से इसे खत्म करने की अपील कर रही है। हालांकि इसी धारा 144 के बीच मंगलवार को राजधानी में अमित शाह की बड़ी रैली हुई और पूरे शहर का यातायात अस्त-व्यस्त रहा।

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टेंट की इजाजत नहीं, शौचालय तक बंद कराया 

लखनऊ के घंटाघर में महिलाओं के प्रदर्शन को लेकर पुलिस का रवैया पहले ही दिन से दमन का रहा है। बारिश और ठंड के बीच बैठी महिलाओं के लिए पुलिस ने शामियाना नहीं लगने दिया। शनिवार की रात पुलिस ने महिलाओं के बीच बंटने के लिए आए कंबल तक जब्त कर लिये। महिलाओं का आरोप है कि उनके खाने का सामान तक छीन लिया गया। 

कंबल छीनने के मामले में खासी थू-थू होने के बाद पुलिस ने बयान जारी कर कहा कि कंबलों को वैधानिक तरीके से जब्त किया गया क्योंकि इन्हें एक संगठन बांट रहा था और बहुत से बाहरी लोग भी इन्हें लेने पहुंच गए थे। घंटाघर में धरना दे रहीं महिलाओं के इस्तेमाल के लिए बना शौचालय तक पुलिस ने ताला जड़कर बंद कर दिया है। परेशान महिलाओं को मजबूरन पुरुष शौचालय का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। महिलाओं की मदद के लिए बाहरी घेरे में मौजूद पुरुषों को हटाने की पुलिस ने कई बार कोशिश की है।

बड़ी संख्या में जुटे लोग 

पुलिस की तमाम कोशिशों के बाद भी हर रोज धरना स्थल पर सैकड़ों लोग पहुंच रहे हैं। मानवाधिकार संगठन पीयूसीएल की प्रदेश अध्यक्ष वंदना मिश्रा, लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति रुपरेखा वर्मा, मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे, वामपंथी नेता मधु गर्ग, सीमा राना, रंगकर्मी दीपक कबीर, सदफ ज़फर सहित तमाम सामाजिक कार्यकर्ता हर रोज धरने पर घंटे बिता रहे हैं और लोगों में उत्साह भर रहे हैं। 

सोमवार से धरना स्थल कलाक्षेत्र में बदल गया जब वहां मौजूद बच्चों व महिलाओं ने सीएए, एनआरसी के ख़िलाफ़ पोस्टर, रंगोली व कार्टून बनाने शुरू कर दिए। घंटाघर पर इंकलाबी गीतों का मुक़ाबला हो रहा है तो तमाम लोग कविताएं व शायरी सुना रहे हैं।

घंटाघर पर लगातार मौजूद सदफ जफर के मुताबिक़, पुलिस उन लोगों के चालान काट रही है जो अपनी गाड़ियों से यहां आ रहे हैं। अब तक राजधानी पुलिस ने घंटाघर पर ही 1000 से ज्यादा वाहनों का चालान किया है।

कई शहरों में ‘शाहीन बाग़’

‘शाहीन बाग़’ की तर्ज पर यूपी के कई अन्य शहरों में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया है। इलाहाबाद में कई दिनों से प्रदर्शन चल रहा है तो कानपुर व बरेली में भी विरोध हो रहा है। सोमवार शाम से राजधानी लखनऊ के पाश गोमतीनगर के उजरियावं इलाक़े में सैकड़ों महिलाएं धरने पर बैठ गयी हैं। बिना किसी पूर्व सूचना के शुरू हो गए इस धरने को हटवाने के लिए पुलिस ने वहां लगा शामियाना देर रात हटवा दिया। हालांकि इसके बाद भी बड़ी तादाद में महिलाए वहां जमी रहीं और धरना जारी है।

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कुमार तथागत

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