तीरथ सिंह रावत वर्तमान में पौढ़ी गढ़वाल सीट से सांसद हैं और बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव रहे हैं। वे उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे हैं। तीरथ के नाम के एलान से लोगों को काफी हैरानी हुई है क्योंकि मुख्यमंत्री पद के लिए जो चार नाम चल रहे थे, उनमें तीरथ का नाम नहीं था।
विधायक दल की बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक रमन सिंह और दुष्यंत गौतम, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत सहित तमाम बीजेपी विधायकों और सांसदों ने भाग लिया।
इससे पहले मंगलवार को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मुलाक़ात की थी और उन्हें अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया था। रावत चार साल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में बस एक ही साल का वक़्त बचा है। ऐसे में तीरथ सिंह रावत को सभी नेताओं को साथ लेकर चलना होगा और अगले चुनाव में बीजेपी को जीत दिलानी होगी। तीरथ के सामने बीजेपी आलकमान की उम्मीदों पर ख़रा उतरने की चुनौती है।
कौन हैं तीरथ सिंह रावत
तीरथ सिंह रावत का जन्म 9 अप्रैल, 1964 को हुआ था। तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड बनने के बाद बनी अंतरिम बीजेपी सरकार में प्रदेश के पहले शिक्षा मंत्री रहे हैं और उसके बाद उत्तराखंड बीजेपी के महामंत्री भी रहे। 2012 में वह चौबट्टाखाल सीट से विधायक चुने गए थे। इसके बाद 2013 से 2015 तक वह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे।
वह अविभाजित उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता युवा मोर्चा में अहम जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री भुवन चंद्र खंडूडी के पुत्र मनीष खंडूड़ी को साढ़े तीन लाख वोटों के अंतर से हराया था।
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