loader

तीरथ सिंह रावत बोले- पढ़ने आए हो और बदन दिखा रहे हो

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की महिलाओं के कपड़ों को लेकर दिए गए विवादित बयान के कारण खासी आलोचना हो रही है। नए-नए मुख्यमंत्री बने रावत ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि एनजीओ चलाने वाली एक महिला की फटी जींस को देखकर वह हैरान रह गए थे। उन्होंने इसे संस्कारों से जोड़ दिया था। 

इसे लेकर बवाल चल ही रहा था कि एक और वीडियो सामने आ गया जिसमें मुख्यमंत्री फिर से महिलाओं के कपड़ों को लेकर बेहूदगी भरा बयान दे रहे हैं। 

ताज़ा ख़बरें

इस वीडियो में मुख्यमंत्री एक कार्यक्रम में कहते हैं, “जब मैं श्रीनगर में पढ़ता था, पहाड़ की एक लड़की जो चंडीगढ़ में पढ़ती थी, वापस आई, उसे लड़के ऐसे देख रहे थे, जैसे बंबई से आई हो, कुछ दिन तक उसका ऐसा मजाक बना क्योंकि सारे लड़कों ने उसके पीछे भागना शुरू कर दिया। यूनिवर्सिटी में पढ़ने आए हो और बदन दिखा रहे हो।”  

उत्तराखंड में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव में उतरने के लिए तैयार आम आदमी पार्टी के नेताओं ने रावत के इस वीडियो के सामने आने के बाद उन पर हमला बोल दिया। बीते कुछ महीनों में उत्तराखंड के कई दौरे कर चुके दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पूछा, “क्या बीजेपी के कार्यकर्ताओं को, ख़ासकर महिला कार्यकर्ताओं को यह सोच स्वीकार है?”

बेहूदा आदमी दिखता है: मोइत्रा 

रावत के एनजीओ चलाने वाली महिला की फटी जींस वाले वीडियो को लेकर भी लोगों ने उनकी जमकर खिंचाई की है। टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा ने लिखा है कि आप स्टेट चलाते हो और दिमाग फटे दिखते हैं। महुआ ने एक और ट्वीट में कहा, “सीएम साब, जब आपको देखा तो ऊपर नीचे आगे पीछे हमें सिर्फ़ बेशर्म बेहूदा आदमी दिखता है।” 

सीपीआई (एमएल) की पोलित ब्यूरो की सदस्य कविता कृष्णन ने ट्वीट किया, “महिला से मिलें तो उनके काम, विचार से नहीं पहचानें, बल्कि उनके घुटने आदि ढके हैं या नहीं, इस पर नजर चलाएं! महिला के कपड़े बाजारू नहीं, आपकी सोच बलात्कारी है।” 

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, “रावत की महिलाओं के प्रति सोच देखिए। ये मज़े लेकर बोल रहे है कि बग़ल वाली औरत को नीचे से ऊपर तक कैसे देखा! और फटी जींस से लड़की के चरित्र को तार-तार कर रहे हैं। ऐसी भ्रष्ट बुद्धि लेकर जनता का प्रतिनिधित्व करने चले हैं?”

उत्तराखंड से और ख़बरें

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा है कि अब बेचारी जींस भी देशद्रोही निकली। दिल्ली कांग्रेस के नेता मुकेश शर्मा ने कहा है कि फटी हुई जींस महिलाओं की सुरक्षा के लिए ख़तरनाक नहीं है बल्कि बीजेपी नेताओं की फटी हुई मानसिकता इसके लिए जिम्मेदार है। रावत के बयान पर लोगों ने यह भी कहा कि जब मुख्यमंत्री की नजर महिलाओं की जींस पर रहेगी तो ये राज्य का क्या विकास करेंगे। 

बीजेपी आलाकमान ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए रावत को आनन-फानन में त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह मुख्यमंत्री पद पर बैठाया था। रावत वर्तमान में पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से सांसद हैं और बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव रहे हैं। 

बच्चे आप पैदा करो…

बीजेपी के कई ऐसे नेता हैं जिन्होंने महिलाओं के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक बयान दिए हैं। कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के औरैया से बीजेपी के विधायक रमेश दिवाकर के पास कुछ स्थानीय महिलाएं प्राइवेट स्कूल की फ़ीस में छूट की मांग को लेकर गई थीं तो विधायक महिलाओं पर भड़क गए थे।  बातचीत के दौरान विधायक दिवाकर ने एक महिला से कहा था, “एक बार और आप आई थीं, बच्चे आप पैदा करो और रुपया हम दें, सरकारी स्कूल किसलिए होते हैं।” विधायक के इस बयान की सोशल मीडिया पर काफी निंदा हुई थी। 

उत्तराखंड से और ख़बरें

सुरेंद्र सिंह के विवादित बोल 

बलिया से बीजेपी के विधायक सुरेंद्र सिंह भी ऐसे ही बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं। विधायक सुरेंद्र सिंह ने हाथरस में दलित युवती के साथ हुए गैंगरेप को लेकर कहा था कि बलात्कार की घटनाएं सिर्फ़ बेटियों को संस्कार देने से ही रुक सकती हैं। लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले इन्हीं विधायक ने हरियाणवी डांसर सपना चौधरी की तुलना कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से की थी और राहुल गांधी को सलाह दी थी कि वे सपना को अपना बना लें और यह अच्छा होगा कि सास और बहू दोनों ही एक ही कल्चर और एक ही पेशे से रहेंगी। 

बीजेपी की विधायक साधना सिंह ने 2019 में मायावती को किन्नर से भी ज़्यादा बदतर बताया था। उन्होंने कहा था कि मायावती न तो नर है और न ही महिला।

इसी तरह उत्तर प्रदेश के बस्ती से बीजेपी सांसद हरीश द्विवेदी ने कहा था, ‘जब प्रियंका दिल्ली में रहती हैं तो जींस और टॉप में रहती हैं और जब क्षेत्र में आती हैं तो साड़ी और सिंदूर लगाकर आती हैं।’ 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

उत्तराखंड से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें