loader

त्रिवेंद्र रावत का ज्ञान, बोले- कोरोना वायरस प्राणी है, उसे भी जीने का अधिकार

इस साल मार्च के महीने में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से हटाए गए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोना वायरस को लेकर जबरदस्त ज्ञान दिया है। रावत ने इस वायरस के प्रति ममता उड़ेलते हुए कहा है कि हम इस वायरस के पीछे पड़े हुए हैं और वह जान बचाने के लिए अपना रूप बदल रहा है और बहरूपिया हो गया है।  

रावत ने उत्तराखंड के स्थानीय न्यूज़ चैनल के न्यूज़ से बात करते हुए कहा, “कोरोना वायरस भी एक प्राणी है, हम भी एक प्राणी हैं। लेकिन वो प्राणी भी जीना चाहता है और उसे भी जीने का अधिकार है। आज हमने उसके लिए वैक्सीन बना दी तो उसने भी अपनी ताक़त बढ़ा दी। उसके स्प्रेड करने की ताक़त बढ़ी है।” 

ताज़ा ख़बरें
रावत ने आगे कहा, “इसलिए हमें इस वायरस से दूरी बनाकर चलना होगा, वो भी चलता रहे और हम भी चलते रहें। लेकिन हमारी चाल तेज़ होनी चाहिए ताकि वह पीछे छूट जाए।” रावत ने कहा कि यह एक दार्शनिक पक्ष है। 

पहले भी दिए हैरानी भरे बयान

रावत के इस बयान पर क्या कहा जाए। चार साल तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल चुके रावत ने 2019 में कहा था कि गाय सांस लेते समय तो ऑक्सीजन लेती है ही, वह ऑक्सीजन छोड़ती भी है। रावत ने यह भी कहा था कि गाय को सहलाने से सांस से जुड़े रोग ठीक हो जाते हैं और गाय के पास रहने से टीबी की बीमारी ठीक हो जाती है।

पीएम मोदी की चर्चित बातें

बीजेपी में कई नेता ऐसे हैं जो इस तरह की बातें कर चुके हैं जिनकी समाज में जबरदस्त चर्चा होती है। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के बीच मोदी ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि 1988 में उनके पास एक डिजिटल कैमरा था और उन्होंने रंगीन तसवीर ई-मेल से दिल्ली भेजी थी।

जबकि सच्चाई यह है कि भारत में 1995 से पहले आम लोगों की पहुंच में इंटरनेट और ई-मेल जैसी सुविधाएं थी ही नहीं। 

उत्तराखंड से और ख़बरें

प्रधानमंत्री ने इसी इंटरव्यू में बालाकोट हवाई हमले को लेकर कहा था कि बादलों की वजह से हवाई जहाज़ रडार की पकड़ में नहीं आते, यह सोच कर उन्होंने हमले का आदेश दे दिया था। जबकि रडार इलेक्ट्रॉनिक तरंगों पर काम करता है और वह ख़राब मौसम में भी बहुत दूर मौजूद चीजों को भी बिल्कुल सही ढंग से ट्रैक कर लेता है।

ऐसे ही कई और नेताओं के भी बयानों की लंबी फेहरिस्त है। बहरहाल, त्रिवेंद्र रावत के कोरोना वायरस को प्राणी बताने और उसे भी जीने का अधिकार होने के बयान की खासी चर्चा है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

उत्तराखंड से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें