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‘फटी जींस’: रावत बोले- ‘ग्रामीण परिवेश से आया हूं, माफ़ी मांगता हूं’

महिलाओं की फटी जींस को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की अच्छी-खासी फजीहत हो चुकी है। सोशल मीडिया से लेकर अख़बार तक रावत के इस बयान के ख़िलाफ़ महिलाओं की प्रतिक्रिया से अटे पड़े हैं। रावत ने सोचा नहीं होगा कि मुख्यमंत्री पद संभालने के हफ़्ते भर के भीतर ही उन्हें इस मुसीबत का सामना करना होगा। ख़ैर, फ़जीहत होने के बाद रावत ने अपने बयान पर अफ़सोस जताया है। 

तीरथ सिंह रावत ने ‘आज तक’ से बात करते हुए कहा, “मुझे जींस से एतराज नहीं है। यदि किसी को फटी जींस पहनना ठीक लगता है तो मुझे कोई एतराज नहीं है, किसी को यदि बुरा लगा है तो मैं उसके लिए क्षमा मांगता हूं।” 

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रावत ने कहा, “मैं ग्रामीण परिवेश से आया हूं। जब हम स्कूल में जाते थे, कभी पैंट फट जाती थी तो लगता था कि स्कूल में कैसे जाएंगे क्योंकि स्कूल में अनुशासन बहुत सख़्त था। हम पैंट में टैग लगाकर जाते थे।” मुख्यमंत्री ने कहा, “आज बच्चा 2-4 हज़ार की जींस लेता है और पहले वह फटी जींस को देखता है, अगर फटी नहीं होती तो वह घर पर जाकर कैंची मार देता है।” 

रावत ने कहा, “मेरा ग़लत इरादा नहीं था और मेरी भी बेटी है। मैंने यह कहा था कि हमें अपने घर में किस तरह के संस्कार देने चाहिए। इस संदर्भ में ही यह बात कही थी।” उन्होंने कहा कि बच्चों में संस्कार और अनुशासन ज़रूरी है। 

पत्नी भी बचाव में उतरीं 

रावत के बचाव में उनकी पत्नी रश्मि त्यागी रावत भी सामने आईं। रश्मि ने ‘आज तक’ से कहा, “मुख्यमंत्री के बयान को ग़लत ढंग से दिखाया जा रहा है। वे बहुत संस्कारी व्यक्ति हैं और एक प्रचारक इस तरह की भाषा नहीं बोल सकता है। मुख्यमंत्री ने ऐसा नहीं बोला है कि फटी जींस है और उन्होंने इसे संस्कार के संदर्भ में कहा था।” रावत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे हैं। 

क्या कहा था रावत ने?

नए-नए मुख्यमंत्री बने रावत ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि एनजीओ चलाने वाली एक महिला की फटी जींस को देखकर वह हैरान रह गए थे। उन्होंने इसे संस्कारों से जोड़ दिया था। इसके बाद उन्होंने ये कह दिया था कि जब वे छात्र थे तो उनके इलाक़े की एक लड़की चंडीगढ़ से जब वापस आई तो उसके कपड़ों को देखकर लड़कों ने उसके पीछे भागना शुरू कर दिया। 

#RippedJeansTwitter ट्रेंड कराया 

तीरथ के फटी जींस वाले बयान को लेकर आम महिलाओं से लेकर सियासत में सक्रिय महिलाओं ने तीख़ी टिप्पणियां की थीं, उन पर तंज कसे थे और #RippedJeansTwitter ट्रेंड कराया था। साथ ही फटी जींस पहनी हुई फ़ोटो को भी पोस्ट किया था। 

ख़ूब खरी-खोटी सुनाई

शिव सेना की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी, पूर्व फ़ेमिना मिस इंडिया सिमरन कौर मुंडी, अभिनेत्री गुल पनाग, सोनम महाजन, पत्रकार रोहिणी सिंह, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल,  महानायक अमिताभ बच्चन की नातिनी नाव्या नंदा की तरह हज़ारों महिलाओं ने फटी जींस वाली फ़ोटो ट्वीट की और रावत को ख़ूब खरी-खोटी सुनाई थी। 

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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से बीजेपी की सक्रिय राजनीति में आने वाले तीरथ सिंह रावत को न जाने अपने बयान के लिए माफ़ी मांगने में इतना वक़्त क्यों लग गया। 

सियासत ही नहीं आम जीवन में भी अगर कोई ग़लत बयानी हो जाए तो तुरंत कान पकड़कर माफ़ी मांग लेनी चाहिए लेकिन सियासत में आपके बयानों का असर होता है, इसलिए ऐसे विवादित बयानों को लेकर माफ़ी मांगने में क़तई देर नहीं करनी चाहिए। रावत इसमें देर करते दिखे।

रावत को यह भी समझना चाहिए कि वक़्त अब बदल चुका है और पुरूषों की ही तरह महिलाओं की भी आज़ादी उनके लिए अहम है। महिला के लिबास कैसे हों, वह अपना जीवन कैसे जिये, इस पर अंकुश लगाने की मानसिकता को जितनी जल्दी गंगा में विसर्जित कर दिया जाए, उतना बेहतर है। 

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क़मर वहीद नक़वी

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