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फ़ोटो क्रेडिट- @IndiainPak

अब इसलामाबाद में भारतीय उच्चायोग में दिखा ड्रोन

जम्मू एयर बेस पर हुए ड्रोन हमले के बाद अब पाकिस्तान की राजधानी इसलामाबाद में स्थित भारतीय उच्चायोग की इमारत के परिसर में ड्रोन देखा गया है। यह ड्रोन रविवार रात को देखा गया और इसे सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है। भारत ने इस मसले को पाकिस्तान में अपने समकक्ष अफ़सरों के सामने उठाया है और इसे लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है।  

बीते रविवार को जम्मू एयर बेस पर हुए ड्रोन हमले के बाद से सुरक्षा एजेंसियां बेहद सतर्क हैं और उसके बाद जम्मू के कई इलाक़ों में ड्रोन देखे गए हैं। सभी आर्मी स्टेशनों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। जम्मू एयर बेस पर हुए ड्रोन हमले को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 'आतंकवादी हमला' क़रार दिया है। 

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भारत सरकार इसे लेकर बेहद गंभीर है और मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ इस मसले पर काफी देर तक बैठक की। इस दौरान भारत की ड्रोन पॉलिसी को लेकर चर्चा हुई। 

इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि खुले आकाश में ड्रोन के इस्तेमाल के लिए सरकार पहले से ही योजना बना रही है और जम्मू एयर बेस पर जिस तरह का ड्रोन हमला हुआ है, उसे देखते हुए सुरक्षा के कई पहलुओं पर काम करने की ज़रूरत महसूस की जा रही है। कहा जा रहा है कि कुछ संवेदनशील जगहों पर ड्रोन को उड़ाने पर पाबंदियां लगाई जा सकती हैं।

लगातार दिख रहे ड्रोन 

रविवार को जम्मू एयर बेस पर हुए दो धमाकों के अलावा उसी दिन रात को कालूचक मिलिट्री कैंप पर दो ड्रोन दिखाई दिए। इनमें से एक रात के 11.30 बजे जबकि दूसरा 1.30 बजे दिखाई दिया। मौक़े पर तैनात जवानों ने इन ड्रोन को गिराने के लिए फ़ायरिंग की। इसके अलावा मंगलवार को एक बार फिर जम्मू के तीन इलाक़ों में ड्रोन देखे गए। 

बुधवार को फिर से जम्मू में सेना के कैंप के पास ड्रोन देखे गए। यह लगातार चौथा दिन था जब ड्रोन दिखे और अब तक ऐसे 7 ड्रोन दिखाई दिए हैं। 

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UN में उठाया मामला

भारत ने जम्मू एयर बेस पर हुए ड्रोन हमले के मामले को संयुक्त राष्ट्र के सामने रखा है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को बताया है कि ऐसा मुमकिन है कि हथियारबंद ड्रोन का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जा रहा है और इस ओर संजीदा होकर ध्यान दिए जाने की ज़रूरत है। 

केंद्रीय गृह मंत्रालय में विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा)  वीएसके कौमुदी ने मंगलवार को कहा कि आतंकी प्रोपेगेंडा, कट्टरवाद को बढ़ावा देने और कैडर्स की भर्ती के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया का, आतंकवाद के लिए धन इकट्ठा करने के मक़सद से नये जमाने के पेमेंट तरीक़ों का ग़लत इस्तेमाल करना जैसी बातें बेहद गंभीर ख़तरा बनकर सामने आई हैं। 
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क़मर वहीद नक़वी

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