loader

दक्षिण अफ्रीका में जबरदस्त बवाल, भारतीयों पर हो रहे हमले

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा की गिरफ़्तारी के बाद वहां के कई शहरों में जबरदस्त बवाल हो रहा है। इस बवाल में भारतीय मूल के लोगों पर भी हमले किए जा रहे हैं। भारत सरकार ने इस मामले को उठाया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस बारे में अफ्रीकी समकक्ष डॉक्टर नालेडी पांडोर से बात की है। 

दक्षिण अफ्रीका ने भरोसा दिलाया है कि उनकी सरकार क़ानून एवं व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पूरी ताक़त से काम कर रही है और जल्द से जल्द शांति स्थापित करने की कोशिश में जुटी है। विदेश मंत्रालय के सचिव संजय भट्टाचार्य ने भी दक्षिण अफ्रीका के राजदूत से मुलाक़ात की है और हालात को लेकर बात की है। 

ताज़ा ख़बरें

जुमा के समर्थकों ने किया बवाल

बवाल करने वाले लोग जैकब जुमा के समर्थक हैं। दक्षिण अफ्रीका के कई शहरों में लोगों ने लूटपाट और तोड़फोड़ की है। कई दुकानों में घुसकर सामान लूट लिया गया और भरकर भाग गए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर क़ाबू पाने के लिए गोलियां चलाई हैं। इसके बाद प्रदर्शनकारी भड़क गए। 

जुमा के समर्थकों ने सड़कों और हाईवे को भी जाम कर दिया और टायरों में आग लगा दी। हिंसा में कई लोग घायल हो गए हैं और पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार कर लिया है।

लूटपाट की ये घटनाएं पिछले बुधवार को शुरू हुई थीं। जैकब जुमा के समर्थक उन्हें सजा सुनाए जाने से बेहद नाराज़ हैं। जुमा को अदालत की अवमानना के मामले में 15 महीने की सजा सुनाई गई है। जुमा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। वह 2009 से 2018 तक देश के राष्ट्रपति के पद पर रहे थे। 

जो इलाक़े इस बवाल से सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं, उनमें डरबन, पीटरमैरिट्सबर्ग और जोहान्सबर्ग शामिल हैं और इनमें बड़ी संख्या में भारत के लोग रहते हैं। ख़बरों के मुताबिक़, भारतीयों और भारतीय मूल के अफ्रीकियों के व्यवसायों को बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने निशाना बनाया है। 

दुनिया से और ख़बरें

दक्षिण अफ्रीका में 13 लाख भारतीय रहते हैं। भारतीय समुदाय के एक नेता ने इंडिया टुडे को बताया कि क्वाज़ुलु नटाल और जोहान्सबर्ग के सभी इलाक़ों में भारतीयों पर हमले हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। 

अब तक इस बवाल में 70 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है। इनमें से अधिकतर की मौत भगदड़ के कारण हुई है। हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं और सरकारी एजेंसियां हिंसा और प्रदर्शनकारियों पर क़ाबू पाने की कोशिश में जुटी हैं। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें