अमेरिका में कैपिटल बिल्डिंग हिंसा पर दुनिया के नेताओं ने दुख जताया है। उन्होंने बुधवार को राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के समर्थकों द्वारा यूएस कैपिटल में ऐसी हिंसात्मक कार्रवाई की निंदा की। हालाँकि, नेताओं ने सधी हुई भाषा का इस्तेमाल किया और सीधे तौर पर ट्रंप का नाम नहीं लिया। हालाँकि हिंसा के लिए ट्रंप को ज़िम्मेदार माना जा रहा है। इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने भी हिंसा पर टिप्पणी की है।
अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन के शहर कैपिटल हिल में सांसदों की बैठक करने वाली जगह का नाम यूएस कैपिटल या कैपिटल बिल्डिंग है जहाँ हिंसा हुई है। यहीं पर जो बाइडन की जीत को प्रमाण पत्र मिलने से पहले ट्रंप ने वाशिंगटन में एक रैली में कहा था कि 'हम कभी हार नहीं मानेंगे।'
इसके बाद ही ट्रंप समर्थकों ने कैपिटल बिल्डिंग में घुसने की कोशिश की और हिंसात्मक प्रदर्शन किया। ट्रम्प समर्थक प्रदर्शनकारियों द्वारा कैपिटल बिल्डिंग में घुसने और हिंसा किये जाने को जो बाइडन को राष्ट्रपति नियुक्त करने में संसद की कार्यवाही में बाधा डालने के प्रयास के तौर पर देखा गया। इस हिंसा में एक महिला की मौत हो गई।
इस हिंसा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ट्वीट किया, 'वाशिंगटन डीसी में दंगों और हिंसा के बारे में ख़बर देखकर दुखी हूँ। सत्ता का व्यवस्थित और शांतिपूर्ण हस्तांतरण जारी रहना ही चाहिए। लोकतांत्रिक प्रक्रिया को ग़ैरक़ानूनी विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से बेपटरी नहीं होने दिया जा सकता है।'
Distressed to see news about rioting and violence in Washington DC. Orderly and peaceful transfer of power must continue. The democratic process cannot be allowed to be subverted through unlawful protests.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 7, 2021
यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने 'अमेरिकी लोकतंत्र पर हमला' की निंदा की। उन्होंने ट्वीट किया, 'दुनिया की नज़र में आज रात अमेरिकी लोकतंत्र पाबंदी में लगता है। यह अमेरिकी लोकतंत्र, इसकी संस्थाओं और क़ानून के शासन पर एक अनदेखा हमला है। यह वह अमेरिका नहीं है। 3 नवंबर के चुनाव परिणामों का पूरी तरह से सम्मान होना चाहिए।'
I commend the words of President-elect @JoeBiden. The strength of US democracy will prevail over extremist individuals.
— Josep Borrell Fontelles (@JosepBorrellF) January 6, 2021
Disgraceful scenes in U.S. Congress. The United States stands for democracy around the world and it is now vital that there should be a peaceful and orderly transfer of power.
— Boris Johnson (@BorisJohnson) January 6, 2021
Canadians are deeply disturbed and saddened by the attack on democracy in the United States, our closest ally and neighbour. Violence will never succeed in overruling the will of the people. Democracy in the US must be upheld - and it will be.
— Justin Trudeau (@JustinTrudeau) January 6, 2021
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्विटर पर एक वीडियो संदेश में कहा, 'हम उन कुछ लोगों की हिंसा के आगे हार नहीं मानेंगे जो लोकतंत्र पर सवाल उठाना चाहते हैं।'
उन्होंने कहा, 'वाशिंगटन में आज जो हुआ वह अमेरिकी नहीं है।' उन्होंने कहा कि हम लोकतंत्र में विश्वास करते हैं।
We believe in democracy.#WeAreOne pic.twitter.com/dj3hs66KKn
— Emmanuel Macron (@EmmanuelMacron) January 7, 2021
न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने कहा, 'इतने सारे लोगों की तरह मैं देख रही हूँ जो संयुक्त राज्य में हो रहा है। मैं अमेरिका में दोस्तों की भावना की कद्र करती हूँ- जो हो रहा है वह ग़लत है।'
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'लोकतंत्र - लोगों को वोट देने का अधिकार है, उनकी आवाज़ सुनी जाए और फिर वह निर्णय शांति से स्वीकार किया जाए, एक भीड़ द्वारा इसे पलटा नहीं जाना चाहिए। हमारे विचार हर किसी के साथ हैं जो आज की घटनाओं से उतने ही निराश हैं जितना हम। मुझे कोई संदेह नहीं है कि लोकतंत्र कायम रहेगा।'
Democracy - the right of people to exercise a vote, have their voice heard and then have that decision upheld peacefully should never be undone by a mob. Our thoughts are with everyone who is as devastated as we are by the events of today. I have no doubt democracy will prevail.
— Jacinda Ardern (@jacindaardern) January 7, 2021
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