loader

अफ़ग़ानिस्तान में आज सरकार गठित कर सकते हैं तालिबान

तालिबान अफ़ग़ानिस्तान में आज सरकार गठित कर सकते हैं। 15 अगस्त को काबुल में कब्जा करने के बाद क़रीब एक पखवाड़ा गुजर चुका है। अफ़ग़ानिस्तान में लगातार ख़राब होते आर्थिक हालात के बीच तालिबान पर भी जल्द ही सरकार का गठन करने का दबाव है। इस बीच दो दिन पहले ही तालिबान के अधिकारियों ने घोषणा की है कि तालिबान नई सरकार की घोषणा करने के लिए तैयार है। उसने यह भी कहा था कि हफ़्तों में नहीं, बल्कि कुछ दिनों में ही इसकी घोषणा की जाएगी। मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि शुक्रवार की नमाज़ के बाद इसकी घोषणा संभव है। हालाँकि तालिबान ने किसी निश्चित दिन की घोषणा नहीं की है।

30 अगस्त को अमेरिकी वापसी के बाद तो जल्द से जल्द सरकार गठन के लिए तालिबान पर दबाव और बढ़ गया है। तालिबान पर यह भी दबाव है कि देश की ख़राब होती स्थिति से निपटने के लिए ऐसी सरकार बनाए जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मंजूर हो जिससे अंतरराष्ट्रीय मदद मिलने में उसको दिक्कत नहीं हो। इसीलिए इस पर जोर शोर से चर्चा भी हो रही है कि महिलाओं को सरकार में कितनी भागीदारी मिलती है। अन्य चीजों के अलावा महिलाओं को काम करने की आज़ादी भी तालिबान की छवि को निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाएगी। 

ताज़ा ख़बरें

अब पूरी नज़र इस बात पर है कि अफ़ग़ानिस्तान में नयी सरकार कैसी होगी। तालिबान ने दो दिन पहले ही कहा है कि इसके सुप्रीम कमांडर हैबतुल्लाह अखुंदज़ादा अफ़ग़ानिस्तान सरकार का नेतृत्व करेंगे। संभव है कि उनके अधीन प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति काम करें। रिपोर्ट है कि गवर्निंग काउंसिल की तरह की व्यवस्था होगी। लेकिन यह सरकार किस तरह की होगी, सरकार में कौन-कौन लोग शामिल होंगे, महिलाओं को किस तरह की जगह दी जाएगी, इस तरह की पूरी जानकारी नहीं दी गई है। 

बुधवार को तालिबान के अधिकारी अहमदुल्ला मुत्ताकी ने सोशल मीडिया पर कहा था कि काबुल में राष्ट्रपति भवन में एक समारोह की तैयारी की जा रही है। 

टोलो न्यूज़ की बुधवार की एक रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान और अफ़ग़ान नेताओं के बीच चर्चा को अंतिम रूप दिया गया है और अब काबुल नई अफ़ग़ानिस्तान सरकार की घोषणा करने के लिए तैयार है। टोलो न्यूज़ ने तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य अनामुल्ला समांगानी के हवाले से कहा था, 'नई सरकार पर विचार-विमर्श लगभग तय हो गया है, और कैबिनेट के बारे में आवश्यक चर्चा भी हो चुकी है। हम जिस इसलामी सरकार की घोषणा करेंगे, वह लोगों के लिए एक ... मॉडल होगी। सरकार में कमांडर की उपस्थिति के बारे में कोई संदेह नहीं है। वह सरकार के नेता होंगे और इस पर कोई सवाल नहीं होना चाहिए।'

एक अन्य रिपोर्ट में तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य बिलाल करीमी ने बुधवार को कहा था कि हैबतुल्लाह अखुंदज़ादा किसी भी गवर्निंग काउंसिल के शीर्ष नेता होंगे।

उन्होंने कहा कि अखुंदज़ादा के तीन डिप्टी में से एक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के सरकार के दैनिक कामकाज के प्रभारी होने की संभावना है। उन्होंने कहा था कि सरकार की घोषणा अगले कुछ दिनों में होगी, न कि हफ़्तों में। 

taliban may announce govt formation today - Satya Hindi

अखुंदज़ादा एक इस्लामी क़ानून के विद्वान हैं। उन्हें आंदोलन के लिए एक आध्यात्मिक मार्गदर्शक के रूप में बताया जाता रहा है। वह लंबे समय से आत्मघाती बमबारी का समर्थक रहे हैं। उनके बेटे ने आत्मघाती हमलावर बनने के लिए प्रशिक्षण लिया और 23 साल की उम्र में हेलमंद प्रांत में एक हमले में ख़ुद को उड़ा लिया। जाहिर है उनके बेटे के इस काम के बाद अखुंदज़ादा का क़द तालिबान में बढ़ा। जब पहले के तालिबान का सर्वोच्च नेता मुल्ला अख्तर मुहम्मद मंसूर 2016 में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया था तो अखुंदज़ादा की उम्मीदवारी सर्वोच्च नेता के तौर पर पक्की हुई।

कहा जाता है कि उनमें तालिबान के अलग-अलग गुटों के बीच एक कड़ी के रूप में काम करने की काबिलियत है। कहा तो यह भी जाता है कि एक प्रगतिशील नेता के रूप में जाने जाने वाले अखुंदजादा ने तालिबान के ही राजनीतिक नेताओं को खारिज कर दिया और सैन्य विंग को अफ़ग़ान शहरों पर हमले तेज करने की अनुमति दी।

दुनिया से और ख़बरें

बता दें कि 30 अगस्त को अफ़ग़ानिस्तान से सभी अमेरिकी सैनिकों की वापसी हो गई है। आतंकवादियों को पनाह देने वाले जिस इस्लामी कट्टरपंथी तालिबान संगठन की जड़ें उखाड़ने के लिए सितंबर 2001 में अफ़ग़ानिस्तान पर चढ़ाई की थी अमेरिका ने उसके साथ वार्ता की। अब तो अफ़ग़ानिस्तान आधिकारिक तौर पर तालिबान के कब्जे में है।

जानकारों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय दानदाताओं और निवेशकों की नज़र में नई सरकार की वैधता अफ़ग़ानिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण होगी। तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद यदि वह अपनी छवि नहीं सुधारता है तो अर्थव्यवस्था के ध्वस्त होने की आशंका है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें