सिविल एविएशन सिक्योरिटी के ब्यूरो को मिली एक चिट्ठी में जैश-ए-मुहम्मद ने धमकी दी है कि वह जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने का बदला लेगा और वह मोदी, शाह और डोभाल पर हमला करने के लिए दस्ता तैयार कर रहा है। पहले भी ये ख़बरें आई थीं कि एक अन्य आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हमला कर सकता है।
चिट्ठी मिलने के बाद अलर्ट जारी कर दिया गया है। चिट्ठी में यह भी कहा गया है कि जैश-ए-मुहम्मद के निशाने पर देश के 30 शहर हैं जिनमें जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, जयपुर, गांधीनगर, कानपुर, लखनऊ आदि शामिल हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि जैश भारत के चार एयरपोर्ट पर हमले की योजना बना रहा है।
इस आतंकवादी संगठन ने अभी तक हिंदुस्तान में कई आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है। 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले में भी जैश का हाथ था। मुंबई में हुए 26/11 के आतंकवादी हमले में जैश का हाथ था।
पाकिस्तान पर यह आरोप लगते रहे हैं कि वह आतंकवादी संगठनों को समर्थन देता है। हाल ही में उसने पहली बार यह माना कि उसने अल क़ायदा के आतंकवादियों को प्रशिक्षण दिया था। अल क़ायदा ने ही अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 9/11 का आतंकवादी हमला किया था, जिसमें तक़रीबन 3 हज़ार लोग मारे गए थे।
पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को दुनिया भर के देशों में ले गया लेकिन उसे लगभग सभी जगह से निराशा मिली। संयुक्त राष्ट्र समेत दुनिया के कई देशों ने उससे कहा है कि वह भारत के साथ बातचीत के जरिए कश्मीर मुद्दे का हल ढूंढे। इस सबसे हताश होकर वह कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने की बड़ी साज़िश रच सकता है। पाकिस्तान सरकार के मंत्री तक यह स्वीकार कर चुके हैं कि उनकी सरकार आतंकवादी संगठन जमात-उद दावा पर लाखों रुपये खर्च कर चुकी है।
भारत सरकार स्पष्ट कह चुकी है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाना पूरी तरह उसका आतंरिक मामला है फिर भी पाकिस्तान कोरी बयानबाज़ी और परमाणु युद्ध की धमकियाँ देता रहता है, जबकि वह यह जानता है कि वह सैन्य ताक़त में भारत के सामने कहीं नहीं ठहरता। अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद से ही पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी संगठन कश्मीर में लोगों को भारत के ख़िलाफ़ भड़काने के काम में जुटे हुए हैं।
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