डॉ. मनमोहन सिंह जब आर्थिक विषयों पर बोलते हैं तो लोग उन्हें कांग्रेस नेता मानकर नहीं सुनते बल्कि एक मंझे हुए अर्थशास्त्री मानकर सुनते हैं। यह तो डॉ. सिंह ही बता सकते हैं कि वे खुद को कांग्रेस नेता मानकर बयान देते हैं अथवा अर्थशास्त्री के नाते बोलते हैं।
आर्थिक उदारीकरण की 30वीं सालगिरह पर पूर्व वित्त व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने कहा है कि आगे का रास्ता और मुश्किल भरा है तथा देश को अपनी प्राथमिकताएँ फिर से तय करनी होंगी
पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने कहा है कि आर्थिक सुधार की उपलब्धियों पर खुश होने के बजाय हमे अपने अंदर झाँकना चाहिए और प्राथमिकता तय करनी चाहिए।
महँगाई के नए आँकड़े आ गए हैं। जून महीने में महँगाई बढ़ने की दर यानी मुद्रास्फीति की दर में मामूली गिरावट दर्ज हुई है। मई में यह दर 6.3% थी, जबकि जून में घटकर 6.26% हो गई है।
ऑनलाइन रिटेल या ई कॉमर्स कारोबार में हंगामा मचा हुआ है। एमेजॉन और फ्लिपकार्ट से लेकर रिलायंस के जियो मार्ट और टाटा के बिग बास्केट तक परेशान हैं। यह लिस्ट और लंबी है।
तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सत्तारूढ़ बीजेपी ने पेट्रोलियम उत्पादों की बेतहाशा बढ़ती कीमतों से जिस तरह पल्ला झाड़ लिया है और इसके लिए पूर्व कांग्रेसी सरकार के ऊपर ठीकरा फोड़ दिया है, उससे कई अहम सवाल खड़े होते हैं।
कोरोना से बुरी तरह मार खाई हुई अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कुल मिलाकर 6,28,993 करोड़ रुपए का नया पैकेज लाने का एलान किया है।
कोविड-19 महामारी के बाद की कमज़ोरी दूर होने का नाम ही नहीं ले रही। शरीर पर असर हो, हमारे काम धंधों पर असर हो या देश और दुनिया की अर्थव्यवस्था पर। सबसे बड़ा संकट तो रोज़गार के बाज़ार में दिख रहा है।