बसवराज बोम्मई
भाजपा - शिगगांव
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महाराष्ट्र में भारी बारिश के बाद बाढ़ ने भीषण तबाही मचाई है। बाढ़ और भूस्खलन के कारण महाराष्ट्र के अलग-अलग ज़िलों में अब तक 149 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है जबकि 53 लोग घायल बताए जा रहे हैं। वहीं 90 लोग अभी भी लापता हैं। एनडीआरएफ़, कोस्टगार्ड, नौसेना और वायुसेना के जवान राहत और बचाव कार्यों में दिनरात लगे हुए हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बाढ़ग्रस्त इलाक़ों का दौरा कर रहे हैं। शनिवार को मुख्यमंत्री रायगढ़ के महाड़ के तलिये गाँव पहुँचे थे जहाँ पहाड़ खिसकने से 49 लोगों की मौत हो गयी है जबकि एक दर्जन से ज़्यादा लोग अभी भी मलबे में फँसे हुए हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ऐलान किया है कि पीड़ित लोगों के साथ सरकार कंधे से कंधा मिलाकर उनके पुनर्वसन का कार्य करेगी।
रायगढ़ ज़िले के तलिये गाँव में इस समय हाहाकार मचा हुआ है। जिस गाँव में दो दिन पहले तक लोग बारिश का आनंद ले रहे थे वहाँ लोगों ने यह सपने में भी नहीं सोचा होगा कि यही बारिश गांव वालों की कालगाह बन जाएगी। गुरुवार रात जैसे ही बारिश ने अपना रौद्र रूप दिखाया पहाड़ से भूस्खलन हो गया और गाँव के क़रीब 40 से ज़्यादा घर पल भर में ही मलबे के ढेर में तब्दील हो गए। 700 लोगों की आबादी वाले इस गाँव में क़रीब 100 से ज़्यादा लोग इस तबाही का शिकार हुए हैं।
शनिवार शाम तक मलबे से क़रीब 50 शवों को निकाल लिया गया है जबकि बड़ी संख्या में लोगों के अभी भी मलबे में दबे होने की ख़बर है। जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है मलबे में दबे लोगों के सुरक्षित होने की उम्मीदें भी टूटती जा रही हैं।
शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अपने कई मंत्रियों के साथ रायगढ़ के उसी तलिए गाँव में पहुँचे जहाँ यह भू-स्खलन हुआ था। उद्धव ठाकरे उस एक पीड़ित व्यक्ति से मिले जिसने अपने परिवार को इस तबाही में खो दिया। उद्धव ठाकरे भी भावुक हो गए और उन्होंने उस पीड़ित से कहा कि वह उसके परिवार को तो वापस नहीं ला सकते हैं लेकिन उसकी आगे की ज़िंदगी को पुराने ढर्रे पर लाने की पूरी कोशिश करेंगे। इसके साथ ही उद्धव ठाकरे ने गाँव वालों से कहा कि वह उनके दर्द को कम नहीं कर सकते लेकिन उसे बाँट तो सकते हैं। ठाकरे ने इसके साथ ही गाँव के पुनर्वसन करने की भी बात कही है।
वहीं पश्चिम महाराष्ट्र में भी बाढ़ का कहर जारी है। सतारा ज़िले में तेज़ बारिश के कारण बीते शुक्रवार को भारी भू-स्खलन हुआ था। इस घटना में अभी तक 22 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं जबकि आठ लोग अभी भी फँसे हुए हैं जिनकी तलाश की जा रही है। एनडीआरएफ़ और जल सेना के जवान राहत और बचाव कार्यों में लगातार लगे हुए हैं। एनडीआरएफ़ के एक अधिकारी का कहना है कि सातारा ज़िले के 2 गाँवों का संपर्क पूरी तरह से कटा हुआ है जिसके चलते राहत एवं बचाव कार्य में परेशानी आ रही है।
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