पंजाब में तीन महीने के अंदर विधानसभा चुनाव होने हैं और उससे ठीक पहले अमरिंदर सिंह के पार्टी बनाने और कुछ नेताओं के उनके साथ जाने से क्या कांग्रेस कमजोर होगी?
किसानों ने कहा है कि छह मांगों के पूरा होने तक उनका आंदोलन जोर-शोर से जारी रहेगा। विपक्ष फिर से उनके साथ है लेकिन क्या सरकार उनकी इन मांगों के आगे झुकेगी।
पंजाब में विधानसभा चुनाव मुंह के सामने हैं। लेकिन सिद्धू ने पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी की हुई है। इससे उनके खिलाफ कांग्रेस नेताओं में नाराज़गी बढ़ रही है।
बीजेपी हाईकमान द्वारा महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के सियासी विरोधियों का क़द बढ़ाने का क्या मतलब है? इसे लेकर खासी चर्चा राज्य के सियासी गलियारों में है।
क्या कांग्रेस के कुछ विधायक, मंत्री अमरिंदर सिंह के साथ जा सकते हैं। ऐसा हुआ तो पार्टी को चुनाव में नुक़सान हो सकता है। इसलिए पार्टी ने सख़्त स्टैंड ले लिया है।
अखिलेश यादव राष्ट्रीय लोकदल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और महान दल के साथ गठबंधन कर चुके हैं। देखना होगा कि क्या आम आदमी पार्टी भी उनके साथ आती है।