पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।
क्या बीजेपी और नरेंद्र मोदी सरकार देश की तमाम पार्टियों को ख़त्म करने की कोशिश में है? क्या उसकी कोशिश यह है कि पूरे देश में एक ही दल का शासन हो? सत्य हिन्दी के ख़ास कार्यक्रम 'आशुतोष की बात' में देखिए वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का विश्लेषण।
फ़ारूक़ अब्दुल्ला पीएसए के तहत हिरासत में क्यों? क्या वे नज़रबंद थे या नहीं, इस पर रहस्य क्यों बना रहा? अमित शाह ने क्यों कहा था कि उनको नज़रबंद नहीं किया गया है? यदि सबकुछ ठीक है तो सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा कि सरकार सामान्य स्थिति बहाल करे? देखिए, आशुतोष की बात में पूरी रिपोर्ट।
क्या बीजेपी को पता है कि जब-जब हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाने का प्रयास किया गया है, तीख़ा विरोध हुआ है और हिंदी विरोधी आंदोलन में लोगों की जानें गई हैं। क्या बीजेपी इतिहास से सबक लेगी?
आरएसएस और हिंदुत्ववादी भारत के मुसलमानों को औरंगज़ेब से प्रेरित क्यों मानते हैं और क्यों उन्हें गाहे-बगाहे औरंगज़ेब के भाई दारा शिकोह के रास्ते पर चलने की सलाह देते हैं?
सोनिया गाँधी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारकों की तरह प्रेरक तैयार करने के लिए कहा है। तो क्या सोनिया संघ के 'हथियार' को ही अपनाकर मोदी को मात देना चाहती हैं? क्या संघ के तौर-तरीक़े अपनाकर कांग्रेस आगे बढ़ पाएगी? देखिए आशुतोष की बात में पूरा विश्लेषण।
तबरेज़ अंसारी लिंचिंग के मामले में 11 अभियुक्तों पर से हत्या की धारा को हटा दिया गया है। पहलू ख़ान के मामले में सभी को बरी कर दिया गया है। अख़लाक़ के मामले में भी सभी आरोपी ज़मानत पर बाहर हैं। क्या लिंचिंग के इन मामलों में कोई दोषी नहीं है या दोषियों को बचाया जा रहा है? कौन बचा रहा है उन्हें, देखिए आशुतोष की बात में पूरी रिपोर्ट।
केजरीवाल सरकार ने जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर राजद्रोह का मुक़दमा चलाने की अनुमति दे दी है। जबकि पहले सरकार ने इसकी अनुमति देने से इंकार कर दिया था।
कांग्रेस के डी. के. शिवकुमार की गिरफ़्तारी से कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ‘चिंतित’ क्यों हैं? वह भी तब जब शिवकुमार उनके सीएम बनने की राह में सबसे बड़ा रोड़ा थे। क्या शिवकुमार से डर रहे हैं येदियुरप्पा? क्या है वजह? देखिए आशुतोष की बात में क्या है पूरा मामला।
डूबती अर्थव्यवस्था का एक और संकेत। अब शेयर बाज़ार औंधे मुँह गिरा है। इस गिरावट से 2 लाख 55 हज़ार करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी यह मानने को तैयार क्यों नहीं हैं कि अर्थव्यवस्था ख़राब हालत में है? देखिए आशुतोष की बात में क्यों है ऐसी स्थिति।
क्या इतिहासकार रोमिला थापर के बहाने एक और जेएनयू पर फिर से हमले की कोशिश है? बिल्कुल कन्हैया कुमार की तरह? प्रोफ़ेसर इमेरिटस रोमिला से जेएनयू ने क्यों सीवी जमा करने को कहा? क्यों 'राजनीतिक कार्रवाई' करने के आरोप प्रशासन पर लगाए जा रहे हैं? देखिए आशुतोष की बात में क्या है इसकी वजह।
जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि की दर का गिरना जारी है और आज मिले आँकड़ों के मुताबिक यह 5 प्रतिशत पर पहुँच गया है। इसे रोकने के लिए क्या कर रही है मोदी सरकार? सत्य हिन्दी पर आशुतोष की बात कार्यक्र मे देखें पत्रकार आशुतोष का विश्लेषण।
क्या पुलिस मुसलिमों के प्रति भेदभाव बरतती है? क्या अल्पसंख्यकों के साथ पुलिस का रवैया ठीक नहीं है? क्या उनके ख़िलाफ़ जानबूझ कर कार्रवाई करती है? देखिए सत्य हिंदी पर 'आशुतोष की बात' में सीएसडीएस ने निदेशक संजय कुमार की चर्चा?
ऐसे में एक मासूम युवा अगर मुझे देश का दुश्मन मान ले और फ़ोन पर जान से मारने की धमकी दे या देशभक्ति के जज़्बे में आकर मुझे गोली मार दे तो इसके लिये कौन ज़िम्मेदार होगा?
बीजेपी के पूर्व मंत्री चिन्मयानंद के ख़िलाफ़ लड़की के आरोपों में कितना दम है? प्रियंका गाँधी ने तो आरोप लगाया है कि आवाज़ उठाने वाली लड़की लापता है या कर दी गयी है। पहले भी उनके आश्रम की एक साध्वी ने ऐसे ही कई आरोप लगाए थे। देखिए आशुतोष की बात में क्या है सचाई!
कश्मीर में क्या हालात हैं? वहाँ लोग किन परिस्थितियों में रह रहे हैं? वहाँ वास्तव में हो क्या रहा है? कश्मीर की सचाई को मीडिया क्यों नहीं दिखा रहा है? देखिए आशुतोष की बात में क्यों है ऐसी स्थिति।
अनुच्छेद 370 में बदलाव के तीन हफ़्ते बाद भी जम्मू-कश्मीर में फ़ोन लाइन, इंटरनेट बंद हैं। आवाजाही बाधित है। सरकारी कार्यालय और कुछ स्कूल खुले हैं, लेकिन उपस्थिति न के बराबर है? इसे क्या हालात सामान्य कहेंगे? देखिए 'आशुतोष की बात' में स्वतंत्र रूप से कश्मीर पर विचार रखने वाले सलमान निज़ामी के साथ चर्चा।
नरेंद्र मोदी का ‘दानवीकरण’ पर कांग्रेस में हलचल क्यों है? क्या कांग्रेस मोदी की बुराई कर चुनाव में हार गई। जयराम रमेश, अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि मोदी का 'दानवीकरण' करना भारी पड़ा। क्या दोनों नेताओं के निशाने पर राहुल गाँधी हैं। देखिए आशुतोष की बात में पूरा विश्लेषण।
चिदंबरम के ख़िलाफ़ कार्रवाई पर कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया है कि सीबीआई और ईडी की यह कार्रवाई राजनीतिक बदले की कार्रवाई है। कई विपक्षी नेताओं पर भी कार्रवाई हुई तो ऐसे ही आरोप लगाए गए। देखिए 'आशुतोष की बात' में वरिष्ठ पत्रकार शैलेष के साथ चर्चा।
पी. चिदंबरम की गिरफ़्तारी से क्या बच पाएँगे? दिल्ली हाई कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली। सीबीआई टीम उनके घर पर पहुँच गई लेकिन चिदंबरम वहाँ नहीं मिले। अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। लेकिन क्या उन्हें वहाँ राहत मिलेगी? देखिए 'आशुतोष की बात' में क्या होगा आगे?
कश्मीर के हालात लगातार चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं। सरकार के प्रयास के बावजूद स्थिति क्यों नहीं सुधर रही है? क्या पाकिस्तान और आतंकवाद इसके आड़े आ रहे हैं? देखिए 'सत्य हिंदी' पर 'आशुतोष की बात' में क्या हैं सरकार के सामने चुनौतियाँ।
रवीश कुमार कहते हैं कि एक समय उनके पास पैसे नहीं थे। वह काम की तलाश में थे। लेकिन जब एनडीडीवी में नौकरी मिली तो रवीश कुमार घबरा गए थे। वह तब क्यों घबरा गए थे? देखिए आशुतोष और शीतल पी सिंह की रवीश कुमार के साथ बातचीत का अंश। सत्य हिंदी पर।
अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद कश्मीर में कब होगी पूरी तरह शांति बहाल, क्या संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर पर चर्चा से इस मुद्दे का हुआ अंतरराष्ट्रीयकरण और सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं दे रहा है इस मुद्दे पर दख़ल, इन मुद्दों पर देखिए सत्य हिंदी के लिए वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष की पड़ताल।
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 में फेरबदल के बाद कैसी है स्थिति? क्या स्थित सुधरी है या और बिगड़ी है? ईद पर लोगों ने क्या सच में ख़ुशियाँ मनाईं? देखिए 'सत्य हिंदी' के लिए 'आशुतोष की बात' में स्वतंत्र रूप से कश्मीर पर विचार रखने वाले सलमान निज़ामी के साथ चर्चा।
क्या अब्दुल्ला और मुफ़्ती परिवार ही ज़िम्मेदार हैं? राजा हरि सिंह ने 15 अगस्त 1947 के पहले कश्मीर का भारत में विलय क्यों नहीं किया, स्वायत्तता की माँग क्यों की? दूसरे पक्ष को क्यों नहीं देखा जा रहा है?