पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।
1986 से 2019 तक बाबरी मसजिद का मुकदमा लड़ने वाले वकील ज़फ़रयाब जिलानी से बात की आशुतोष ने। उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा है। उनका कहना है majoritarianism से डर कर बाबरी मसजिद का दावा छोड़ना बुजदिली होती है। और मुसलमान कायरता का कायल नहीं है। देखें पूरा इंटरव्यू।
अर्थव्यवस्था की हालत ख़राब होना तो सरकार ने भी मान लिया है। इसके लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मनमोहन सिंह को ज़िम्मेदार बताया। क्या सच में ऐसा है? क्या प्रधानमंत्री मोदी की कोई जवाबदेही नहीं है? कौन ज़िम्मेदार है? नरेंद्र मोदी या मनमोहन सिंह? देखिए सत्य हिंदी पर आशुतोष की बात।
अयोध्या विवाद पर जब सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आएगा तो यह किसके पक्ष में होगा? देश को और राजनीति को किस तरह प्रभावित करेगा? क्या इसका असर वैसा होगा जैसा अयोध्या विवाद की राजनीति ने अब तक किया है? देखिए 'आशुतोष की बात' में शैलेश और शीतल पी सिंह के साथ चर्चा।
सावरकर को भारत रत्न क्यों मिलना चाहिए? क्या इसलिए कि अंग्रेज़ों से माफ़ी माँगी? क्या इसलिए कि महात्मा गाँधी की हत्या के मामले में जेल जाना पड़ा था? क्या इसलिए कि जेल से छुटने के बाद आज़ादी की लड़ाई में शामिल नहीं हुए? सत्य हिंदी पर देखिए आशुतोष की बात।
अभिजीत बनर्जी को नोबल पुरस्कार मिला है। वह जेएनयू के छात्र रहे हैं। उन्होंने ग़रीबी हटाने के लिए शोध किया। उन्होंने मोदी सरकार की आलोचना क्यों की थी? देखिए आशुतोष की बात में जेएनयू के छात्र रहे आशुतोष कैसे देखते हैं अभिजीत को पुरस्कार मिलने को।
प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव सभा में विपक्ष को चुनौती दी कि हिम्मत है तो वह अनुच्छेद 370 को अपने घोषणा पत्र में शामिल करे। लेकिन क्या अर्थव्यवस्था पर प्रधानमंत्री चुनौती दे सकते हैं? क्या महाराष्ट्र में दूसरी समस्याएँ नहीं हैं? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
मोदी-शी जिनपिंग मिले। मोदी लुंगी में दिखे। शी को मटन बिरयानी परोसी गई। 'राष्ट्रवादी' मोदी के जादू पर फिदा हैं। क्या उन्हें चीन का चेहरा पता नहीं है? वे कश्मीर और पाकिस्तान पर शी के बयान पर क्यों नहीं बोलते? चीन पाक का साथ क्यों दे रहा है और 'राष्ट्रवादी' क्यों इतरा रहे हैं? देखिए आशुतोष की बात।
शी ने भारत आने से पहले इमरान ख़ान से मुलाक़ात के बाद यह कह कर क्यों भारत को ह्युमिलिएट करने का काम किया कि चीन ‘पाकिस्तान के कोर मुद्दों पर उसके साथ पूरी शिद्दत से खड़ा है’?
अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर लगातार निराश करने वाली ख़बरें आ रही हैं। बड़ा सवाल यह है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गिरती अर्थव्यवस्था को संभाल पायेंगे और क्या उनके पास इस संकट से निपटने के लिए अच्छी टीम है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाक़ात से पहले शी ने पाकिस्तान के समर्थन में बयान क्यों दिया? क्या यह भारत पर दबाव बनाने की रणनीति है? क्या चीन भारत के लिए कभी पाकिस्तान का साथ छोड़ सकता है? देखिए आशुतोष की बात में इन्हीं सवालों के जवाब।
मोहन भागवत ने दशहरा पर लिंचिंग की बात क्यों की? क्या लिंचिंग पर उनका बयान आपत्तिजनक नहीं है? क्या यह साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश नहीं है? क्या लिंचिंग विदेशी शब्द है और यह हिंदू धर्म को बदनाम करने की कोशिश है? और हिंदू राष्ट्र के बारे में उन्होंने क्या कहा? सत्य हिंदी पर देखिए 'आशुतोष की बात'।
आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई को दिखाती एक वेब सीरीज़ ‘द फ़ैमिली मैन’ से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पत्रिका पांचजन्य को क्या ख़तरा है और वह इसे हिंदू धर्म के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार क्यों करार देती है।
लोकसभा में कांग्रेस की सीटें सिमटकर 52 क्यों रह गई है? कांग्रेस बरबादी के कगार पर क्यों पहुँच गई है? क्या राहुल गाँधी इसके लिए ज़िम्मेदार नहीं हैं? कहाँ चूक रहे हैं राहुल गाँधी और क्या है कांग्रेस की कमजोरी? देखिए सत्य हिंदी पर आशुतोष की बात में इन सवालों के जवाब।
आज यानी 2 अक्टूबर ख़ास है। ख़ास इसलिए कि गाँधीजी की जयंती है। हर तरफ़ उनके विचारों की चर्चा है, लेकिन क्या देश उनके बताए रास्ते पर चल रहा है? सत्य और अहिंसा के अलावा गाय, हिंदू धर्म, मुसलमान पर क्या हम गाँधीजी के बताए रास्ते पर चल रहे हैं? देखिए गाँधीजी पर 'आशुतोष की बात'।
उत्तर प्रदेश में ऐसे लोगों की पहचान करने को क्यों कहा गया है कि कोई संदिग्ध बांग्लादेशी तो नहीं है? घूमंतु लोगों के पास कागजात नहीं होने पर उनके साथ क्या किया जाएगा? उत्तर प्रदेश में उपचुनाव से पहले ऐसा फ़ैसला क्यों? देखिए आशुतोष की बात में क्या हैं इसके मायने।
कश्मीर में लंबी पाबंदी से भारत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं और कश्मीर मुद्दे के अंतरराष्ट्रीयकरण का ख़तरा बढ़ सकता है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी यह कहा जाने लगा है कि कश्मीर में हालात जल्द से जल्द सामान्य किये जाएं।
चुनाव आयुक्त अशोक लवासा के परिवार के लोगों को आईटी नोटिस दिया गया है। अब शरद पवार के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है। चिदंबरम और शिवकुमार पर भी ऐसी ही कार्रवाई हुई है। क्यों हो रही है ऐसी कार्रवाई? देखिए सत्य हिंदी पर आशुतोष की बात।
'हाउडी मोदी' पर ख़ुशफ़हमी का माहौल क्यों खड़ा कर दिया गया है? शायद यह भूला दिया गया कि ट्रंप और मोदी दोनों ही बड़े 'शोमैन' हैं। ट्रंप एक बिजनेसमैन हैं, क्या वह बिना फ़ायदे के भारत के लिए कुछ करेंगे? कहीं 'हाउडी मोदी' भी कहीं एक और नोटबंदी तो साबित नहीं हो जाएगी? देखिए आशुतोष की बात में, 'हाउडी मोदी' क्यों हुआ?
इस वक़्त मोदी की अमेरिका यात्रा और उनके 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम पर आलोचनात्मक टिप्पणी करना ख़तरे से ख़ाली नहीं है। चारों तरफ़ ख़ुशफ़हमी का माहौल खड़ा कर दिया गया है। लेकिन क्या सच में ऐसा है?