छह महीने पहले राज्य विधानसभा के चुनावों में मध्य प्रदेश में सरकार बनाने वाली कांग्रेस की नैया देशव्यापी ‘मोदी लहर’ और ‘मोदी सुनामी’ के बीच हुए लोकसभा चुनाव में पूरी तरह से डूब गई।
गोरक्षा के नाम पर महिला समेत तीन लोगों की बेरहमी से पिटाई करने का एक वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो में कथित गोरक्षक एक महिला समेत तीन लोगों को बंधक बनाकर बेरहमी से पीटते नज़र आ रहे हैं।
कमलनाथ ने कहा है कि उनकी सरकार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड की फ़ाइल एक बार फिर खोलेगी। प्रज्ञा सिंह इस हत्याकांड में आरोपी रही हैं।
एग्ज़िट पोल के नतीजों के बाद मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को विपक्षी दल बीजेपी ने निशाने पर ले लिया है। इससे कमलनाथ और मध्य प्रदेश कांग्रेस भी सक्रिय हो गई है।
चुनाव आयोग के प्रतिबंध का सामना कर रहीं भोपाल से बीजेपी की लोकसभा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर नए विवाद में घिर गई हैं। बीजेपी के प्रचार वाहन से साध्वी प्रज्ञा की रिकॉर्डिंग चलाये जाने पर कांग्रेस ने आपत्ति की है।
चुनाव आचार संहिता तोड़ने के लिए चुनाव आयोग ने गुरुवार सुबह से तीन दिन के लिए प्रज्ञा के चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध लगा दिया है। सवाल यह है कि उनके चुनाव प्रचार क्यों बार-बार विवाद खड़े हो रहे हैं?
कल तक मध्य प्रदेश की जो आईएएस बिरादरी शिवराज सिंह चौहान के सामने ‘नतमस्तक’ हुआ करती थी, उसने सरकार बदलते ही ‘पलटी’ मार ली है। उन्होंने शिवराज सिंह के ख़िलाफ़ ‘मोर्चा’ क्यों खोल दिया है?
बीजेपी ने तो साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को यह सोच कर मैदान में उतारा था कि वह दिग्विजय सिंह को घेर लेंगी। पर हेमंत करकरे पर दिए बयान की वजह से अब खुद बीजेपी घिर गई है।
अघोषित बिजली कटौती को लेकर बिजली महकमे के कर्मचारियों को बार-बार चेताने के बावजूद बिजली की आँख मिचौली ना थमने से बेहद नाराज़ कमलनाथ सरकार अब एक्शन में आ गई है।
कांग्रेस द्वारा दिग्विजय सिंह को और बीजेपी की ओर से साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को प्रत्याशी घोषित किये जाने से भोपाल की जंग और ज़्यादा दिलचस्प हो गई है।
भारतीय जनता पार्टी ने भोपाल से दिग्विजय सिंह के ख़िलाफ़ साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को चुनावी मैदान में उतारा है। वही प्रज्ञा सिंह, जो आतंकवाद के कई मामलों में अभियुक्त रह चुकी हैं, फ़िलहाल ज़मानत पर हैं।