प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लद्दाख दौरे को भारत-चीन युद्ध का पूर्वाभ्यास कहना अनुचित होगा। मोदी का लद्दाख पहुंचना चीनी नेतृत्व को यह संदेश देता है कि सीमा विवाद को तूल देना ठीक नहीं होगा।
लगता है कि मोदी सरकार की कोरोना पर कोई साफ़ योजना नहीं है और वह सिर्फ़ भाषणों से ही काम चलाना चाहते हैं। क्योंकि महामारी बेलगाम है और निपटने की सरकारी तैयारी लापता है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने मंगलवार को पाकिस्तानी संसद को संबोधित करते हुए कहा कि ‘इसमें कोई शक नहीं है कि भारत कराची स्टॉक एक्सचेंज पर हमले का ज़िम्मेदार है’।
कोरोना और चीन संकट के दौरान गांधी परिवार ख़ासकर राहुल चुस्त दिखे हैं। उन्होंने नए सिरे से उभरने की कोशिश की है, इसमें सरकार की असफलताओं का भी बड़ा योगदान है।
सरकारी संस्था प्रसार भारती ने कहा है कि पीटीआई राष्ट्र-विरोधी है। वह चीन पर रिपोर्टिंग से नाराज़। पीटीआई को राष्ट्र विरोधी करार देने और धमकाने के पीछे सरकार का क्या मक़सद है?