कश्मीर के अनंतनाग ज़िले के एक गाँव में 40 साल के कश्मीरी पंडित सरपंच अजय पंडिता की आतंकवादियों द्वारा हत्या ने कश्मीरी पंडितों के पुराने घावों को कुरेदा है।
चंबल के बीहड़ में क्या फिर से डाकुओं की हलचल होगी? अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो इनमें से कइयों की तीसरी पीढ़ी के ‘चम्बल में कूदने' की संभावना हर समय बनी रहेगी।
डॉ. आंबेडकर दलितों को हिंदू धर्म की गुलामी पर आधारित वर्ण व्यवस्था से बाहर निकालना चाहते थे। बौद्ध धर्म में प्रगतिशील विचारों की मौजूदगी के कारण ही उन्होंने इसे अपनाया।
विश्वविद्यालय परिसरों में आंदोलनों से जुड़े रहे युवाओं पर कार्रवाई की जा रही है। हमें यह विश्वास करने के लिए कहा जा रहा है कि हमारे सबसे अच्छे युवा वास्तव में आतंकवादी हैं।
8 साल बाद फ़िल्म 'पानसिंह तोमर' एक बार फिर नए सिरे से ‘पुनर्जीवित’ होने वाली है। इस बार चर्चा के केंद्र में है पानसिंह का भतीजा। फ़िल्मकारों के ख़िलाफ़ सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने वाला है।
विनोद दुआ के ख़िलाफ़ भारतीय जनता पार्टी के एक प्रवक्ता की ओर से दर्ज़ कराई गई प्राथमिकी की चर्चा है। आरोप है कि अपनी तल्ख़ और बेबाक टिप्पणियों से उन्होंने इस पार्टी के नियंताओं को जानबूझ कर परेशान किया है।
कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई कैसे लड़ें, इस बारे में चीन से सीखना चाहिए। लेकिन भारत में तमाम लॉकडाउन के बाद भी संक्रमण बेतहाशा बढ़ा है और लाखों लोग बेरोजगार हो चुके हैं।
क्या भारत में ऐसा सम्भव है या कभी हो सकेगा कि राष्ट्रपति भवन या प्रधानमंत्री आवास के आसपास या कहीं दूर से भी गुजरने वाली सड़क को करोड़ों प्रवासी मज़दूरों के जीवन के नाम पर कर दिया जाए?
कोविड 19 की चपेट में आये देश के पहले पत्रकार आगरा के पंकज कुलश्रेष्ठ की मृत्यु का एक माह गुज़र जाने के बावजूद न तो राज्य सरकार और न केंद्र ने एक ढेले की सहायता राशि देने की कोई ज़रूरत समझी।