हिंदुत्व के नाम पर वोट मांगने के कारण अगर बीजेपी को सांप्रदायिक कहा जाता है तो जब मुसलमान किसी पार्टी को एकमुश्त वोट देते हैं तो उस पार्टी को सांप्रदायिक क्यों नहीं माना जाए?
दिल्ली के चुनाव ने यह साबित कर दिया है कि जो इतिहास से सबक़ नहीं लेते वे इतिहास को दोहराने के लिए अभिशप्त होते हैं। क्या आप और बीजेपी में यही फ़र्क है?
उच्चतम न्यायालय का फ़ैसला यह कहता दिख रहा है कि विधानसभा या संसद कुछ भी कहें, सरकार को ही अंतिम फ़ैसला करना है कि उसे क्या करना है और क्या नहीं करना है।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि आरक्षण देना राज्य सरकारों की इच्छा पर निर्भर करेगा। सभी राज्य और केंद्र सरकारों को इस फ़ैसले पर सख्ती से अमल करना चाहिए।
दिल्ली में जहां आम आदमी पार्टी का फ़ोकस अपनी सरकार के कामकाज पर रहा तो बीजेपी के नेताओं ने हिंदुस्तान-पाकिस्तान, शाहीन बाग़ को मुद्दा बनाने की कोशिश की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में भाषण के दौरान भारत विभाजन के लिए इशारों-इशारों में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर आरोप लगाया, वल्लभभाई पटेल पर क्यों नहीं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आख़िरकार दिल्ली विधानसभा चुनाव को रामघाट पर पहुँचा दिया। मतदान से महज़ तीन दिन पहले प्रधानमंत्री ने अयोध्या मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने की घोषणा कर दी।
एक जज ने ही क्यों कहा था राष्ट्रविरोधी और राजद्रोह शब्द आजकल गाजर-मूली की तरह इस्तेमाल हो रहे हैं और राजनीतिक कारणों से कोई भी किसी को ऐसे आरोपों में फँसा सकता है?