क्या टीकाकरण अभियान में लगे स्वास्थ्य कर्मी भी टीका के प्रभाव को लेकर आशंकित हैं? क्या वे ख़ुद टीका लेने से बच रहे हैं और दूसरों पर इसके असर को देखना चाहते हैं?
बहुत बुरा था 2020! लेकिन क्या इतना कहना काफी है? कतई नहीं। मौत के मुँह से वापस निकलने का साल था 2020। यूं नहीं समझ आता तो उन लोगों की सोचिये जो 2020 में कोरोना के शिकार हो गए।
केंद्र सरकार ने नए साल पर होने वाले उत्सव को नियंत्रित करने का फ़ैसला किया है। इसने राज्य सरकारों से कहा है कि वे स्थानीय स्थितियों का आकलन करें और उस हिसाब से 30-31 दिसंबर और 1 जनवरी को होने वाले जश्न को नियंत्रित करें।
अब आप दिल्ली में बग़ैर मास्क पकड़े गए तो 2,000 रुपए का ज़ुमाना देना होगा। अब तक 500 रुपए के ज़ुर्माने की व्यवस्था थी। राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना के बढ़ते प्रकोप की वजह से सरकार ने यह फ़ैसला किया है।
ऐसे समय जब दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ी है और राज्य सरकार ने केंद्र के साथ मिल कर एक एक्शन प्लान तैयार किया है, दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना पर नियंत्रण के लिए मुंबई महानगरपालिका के प्रयासों को सराहा। इस सफलता की कहानी के पीछे सिर्फ सरकारी तंत्र ही नहीं, सामाजिक और धार्मिक संस्थानों से जुड़े लोगों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है
ऐसे समय जब सरकार लॉकडाउन में छूट दे रही है कोरोना संक्रमण के उच्चतम स्तर पर जाकर अब कम होने के दावे कर रही है, उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू इसकी चपेट में आ गए हैं।
लॉकडाउन के कारण रेल सेवा प्रभावित होने से नौकरीपेशा लोगों के लिए पुणे से मुंबई के लिए नियमित रूप से काम पर जाना-आना संभव नहीं हो पा रहा है। इनकी नौकरी ख़तरे में है।