किसानों को 'सिर फोड़ने' का आदेश देने के मामले को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सख़्ती को सही ठहरा रहे हैं। वह प्रदर्शनकारी किसानों पर पुलिस कार्रवाई का बचाव करते हुए दिखाई दिए।
हरियाणा में पुलिस कार्रवाई में किसानों के घायल हुए दो दिन बीत गए, पर इसका आदेश देने वाले करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा के ख़िलाफ़ अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई है? उन्हें कौन बचा रहा है?
भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चड़ूनी ने रविवार को कहा है कि करनाल पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए एक किसान की देर रात को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने संवैधानिक पद पर रहते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की आलोचना की है और उन्हें किसानों से माफ़ी माँगने को कहा है।
शनिवार को हरियाणा के करनाल में ज़बरदस्त लाठीचार्ज के बाद रविवार को नूह में किसानों ने महापंचायत शुरू कर दी है। पंजाब में कई जगहों पर राजमार्ग बंद कर दिया गया है।
हरियाणा के करनाल ज़िले में किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज की प्रतिक्रिया में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि 'देश में सरकारी तालिबान का कब्जा हो चुका है।'
करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा ने पुलिस कर्मियों से कहा कि 'एक सीमा से आगे किसी किसान को मत जाने दो, डंडा उठाओ और उन्हें जोर से मारो। उनका सिर तोड़ दो।' इसका वीडियो वायरल हो गया है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। विधानसभा : हरियाणा सरकार ने बताया - 2 किसानों पर लगाया है देशद्रोह । यूपी: निषाद पार्टी की ‘सौदेबाज़ी’, मंत्री पद व 70 सीटों की मांग।
तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में जारी किसानों के आंदोलन आज़ाद भारत का ऐसा सबसे बड़ा आंदोलन है जो इतने लंबे समय से जारी है। सरकार का उपेक्षापूर्ण रवैया तो है ही, लेकिन सर्वोच्च अदालत ने भी आश्चर्यजनक चुप्पी साध रखी है।