loader

सिर्फ़ लॉकडाउन से कोरोना नहीं होगा काबू, स्वास्थ्य उपाए भी ज़रूरी : डब्ल्यूएचओ

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए भारत सहित दुनिया भर में भले ही लॉकडाउन यानी देशों को पूरी तरह बंद करने का रास्ता अपनाया जा रहा हो, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि यह काफ़ी नहीं है। इसने कहा है कि बाद में यह वायरस फिर से पैर न पसारने लगे इसके लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य के उपाए ज़रूरी हैं। डब्ल्यूएचओ की यह चेतावनी उन देशों के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण है जिन देशों में सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था बेहद ख़राब स्थिति में है और कोरोना वायरस से लड़ने के लिए तैयारी भी नहीं हुई है। इस लिहाज से भारत के लिए तो बड़ी चुनौती है। 

भारत में ऐसी रिपोर्टें आ रही हैं कि सैंपलों की जाँच के लिए भी पर्याप्त तैयारी नहीं है। जाँच किट कितने हैं, इसकी तक जानकारी नहीं मिल पा रही है। भारत में अभी तक बहुत कम सैंपल टेस्ट हो रहे हैं। क़रीब हफ़्ते भर पहले ख़बरें आ रही थीं कि हर रोज़ क़रीब 500 जाँचें हो रही थीं। 30 जनवरी को पहला केस आने के बावजूद अभी भी भारत हर दिन क़रीब 3000 सैंपल टेस्ट करने की स्थिति में नहीं है। इससे अंदाज़ा मिलता है कि भारत के पास टेस्ट किट कम हैं।

ताज़ा ख़बरें

इतनी तेज़ी से फैलने वाला वायरस है लेकिन बेड के इंतज़ाम तक अपर्याप्त हैं। मिसाल के तौर पर यूपी की आबादी 20 करोड़ है लेकिन फ़िलहाल जो रिपोर्टें आई हैं उसके अनुसार 2000 से भी कम बिस्तर तैयार हैं। बिहार की आबादी 11 करोड़ है, लेकिन 'टाइम्स ऑफ़ इंडिया' की 20 मार्च की रिपोर्ट के अनुसार वहाँ 356 बेड ही तैयार हैं। रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 274 आईसीयू वार्ड हैं। यानी इस हिसाब से वेंटिलेटर की भारी कमी है। अब जब कोरोना वायरस से लोग संकट की स्थिति में होंगे तो कितने लोगों का इलाज संभव हो सकेगा। ऐसा नहीं है कि यह स्थिति सिर्फ़ बिहार और उत्तर प्रदेश की है। ऐसे ही हालात क़रीब-क़रीब पूरे देश में हैं।

अब इनकी तुलना यदि यूरोप के उन देशों से करें जो काफ़ी विकसित हैं और जिनकी स्वास्थ्य व्यवस्था काफ़ी बेहतर है तो काफ़ी भवायह तसवीर दिखती है। जिनकी व्यवस्था काफ़ी मज़बूत है वे भी वेंटिलेटर के बड़े-बड़े ऑर्डर दे रहे हैं। मिसाल के तौर पर इंग्लैंड क़रीब 20 हज़ार, जर्मनी ने 10 हज़ार, इटली ने 5000 हज़ार वेंटिलेटर का ऑर्डर दिया है। क्या भारत में वेंटिलेटर ख़रीदने के लिए कोई ऑर्डर दिया गया है, इसकी कोई ख़बर नहीं आई है। राज्यों में व्यवस्था चुस्त-दुरस्त करने के लिए क्या कुछ किया जा रहा है?

दुनिया से और ख़बरें

स्वास्थ्य व्यवस्था की ऐसी ख़राब हालत ख़राब होगी तो 130 करोड़ की जनसंख्या वाले इस देश में क्या हालात बनेंगे इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी इशारा इसी ओर है। डब्ल्यूएचओ के वरिष्ठ आपात व्यवस्था के विशेषज्ञ माइक रयान ने रविवार को 'बीबीसी' से एक इंटरव्यू में कहा, 'हमें वास्तव में जिन चीजों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए वह है बीमार लोगों को ढूँढना, जिन्हें वायरस लगा है और उनको आइसोलेट करना। उनका पता ढूँढकर उनको अलग-थलग करना।'

उन्होंने कहा कि चीन सिंगापुर और दक्षिण कोरिया की तर्ज पर यूरोप ने सख्ती से पाबंदी लगाई है और संदिग्धों की जाँच शूरू की है। वह आगे कहते हैं कि एक बार जब वायरस के फैलाव को नियंत्रित कर लें तो हमें फिर वायरस के पीछे पड़ना होगा और इससे लड़ाई लड़नी होगी।

सम्बंधित खबरें

बता दें कि फ़िलहाल यूरोप इस वायरस का केंद्र है और इसमें भी सबसे ज़्यादा इटली प्रभावित हुआ है। इटली में सबसे ज़्यादा 4800 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि अब तक वहाँ 53 हज़ार से ज़्यादा पॉजिटिव केस सामने आए हैं। स्पेन में 28 हज़ार से ज़्यादा पॉजिटिव केस सामने आए हैं और 1700 से ज़्यादा लोगों की मौतें हुई हैं। चीन ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया है और अब वहाँ गिने-चुने नये मामले ही आ रहे हैं। हालाँकि शुरुआत में इस वायरस का केंद्र चीन ही था। वहाँ अब तक 3200 से ज़्यादा लोगों की मौतें हो चुकी हैं और 81 हज़ार से ज़्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। भारत में अभी वायरस फैलने का शुरुआती दौर है और अब तक 360 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। इसमें से 7 लोगों की मौत हो गई है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें