महाराष्ट्र में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाई तो शिवसेना के आदर्श शिवाजी को मुसलिम विरोधी क्यों बता रही है बीजेपी?
आज पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की पुण्य तिथि है। क्यों याद करना चाहिए विश्वनाथ प्रताप सिंह को? क्यों उन्हें वंचितों का मसीहा के तौर पर देखा जाता है?
हमारे राज्यपाल सचमुच अपना विवेक दिल्ली में रखकर राज्यों के राजभवनों में रहते हैं। दिल्ली में उनके विवेक का इस्तेमाल वे लोग करते हैं जो व्यावहारिक तौर पर उनके 'नियोक्ता’ होते हैं।
'सर्वविद्या की राजधानी' कहलाने वाली बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर पद पर हुई फ़िरोज़ ख़ान की नियुक्ति अब राष्ट्रव्यापी बहस का मुद्दा है।
एक तरफ़ तो प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ़ लगातार ऊपर की तरफ़ ही चल रहा है। लेकिन दूसरी तरफ़ उनकी सरकार के लिए एक के बाद एक चुनौतियाँ खड़ी होती जा रही हैं।
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में एक मुसलमान के संस्कृत प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति के बाद कुछ छात्रो ने उसका विरोध करना शुरू कर दिया है। यह क्या दिखाता है?
जब आँखों के सामने एक संस्था को बर्बाद किया जा रहा हो, सिर्फ़ इसलिए कि वह दक्षिणपंथ की राह पर चलने को तैयार नहीं है तो इसे देश की बदक़िस्मती ही कहा जायेगा।
जेएनयू में फीस बढ़ने के डर से वंचित तबके के विद्यार्थी घबराए हुए हैं कि कहीं ऐसा न हो कि उन्हें बीच में पढ़ाई छोड़नी पड़ जाए लेकिन पुलिस उन्हें पीट क्यों रही है?
अगर अयोध्या की विवादित ज़मीन पर मसजिद को दुबारा बनाया जाना संभव ही नहीं है तो फिर बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाख़िल करके आख़िर हासिल क्या करना चाहता है?
गंगा की अविरलता एवं निर्मलता बनाये रखने में किसी तरह का आर्थिक भ्रष्टाचार न हो, साथ ही क़ानूनों के क्रियान्वयन से संबंधित सभी विभागों को भी जवाबदेह बनाने की आवश्यकता है।