कुछ दिन पहले ही कराची के ल्यारी इलाक़े में हिंदू बिरादरी के एक मंदिर को ईश निंदा का आरोप लगाते हुए तोड़ दिया गया था। बीते 20 दिनों में सिंध सूबे में ये तीसरी घटना थी, जब मंदिरों को निशाना बनाया गया।
जो बाइडन ने चुनाव जीत लिया, राष्ट्रपति बन जाएंगे, पर क्या वह देश चला पाएंगे, क्या रिपब्लिकन पार्टी उन्हें काम करने देगी या हर बात में उनका विरोध करेगी क्योंकि सेनेट में उसका बहुमत है।
डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन ने अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। उन्होंने काँटे की टक्कर में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार व मौजूदा राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को हराया है।
डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन अमेरिका के बड़े उत्तरी राज्य पेंसिलवेनिया और दक्षिणपूर्वी राज्य जॉर्जिया में राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप से आगे निकल गए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप अमेरिकी चुनाव नतीजों पर प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर रहे थे। कई अमेरिकी टीवी चैनलों ने बीच में ही उनके प्रसारण को यह कहते हुए रोक दिया कि वह 'झूठ' बोल रहे थे।
ऐसे समय जब अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेट उम्मीदवारों के बीच काँटे की टक्कर चल रही है और दोनों के बीच कई राज्यों में बहुत ही कम वोटों का अंतर है, देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
अमेरिकी चुनाव पर पूरे विश्व में ख़ास तौर पर बुद्धिजीवी और लिबरल लोगों को यक़ीन था कि इस बार बहुत बड़े अंतर से ट्रंप की विदाई होगी। लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है। आख़िर क्या है ट्रंप का जादू और क्यों हैं इतने लोकप्रिय?
अमेरिका में जब राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के बाद वोटों की गिनती चल रही है तब कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड मामले सामने आए हैं। एक दिन में एक लाख से भी ज़्यादा। दुनिया के किसी भी देश में एक दिन में इतने ज़्यादा पॉजिटिव केस नहीं आए हैं।
ऐसे समय जब रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनल्ड ट्रंप डोमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन से लगभग 40 सीटों से पीछे चल रहे हैं और उनका जीतना बेहद मुश्किल हो चुका है, उनकी प्रचार टीम ने पेनसिलविनिया, मिशिगन और विस्कॉन्सिन में अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
अमेरिका के ऐतिहासिक और रोमांचक राष्ट्रपति चुनाव में वही हो रहा है जिसका डर था। चुनाव के दिन और उससे पहले हुए भारी मतदान के कारण काँटे की टक्कर वाले पाँच बड़े राज्यों में मतगणना पूरी करने में समय लग रहा है।
भारतीय मूल के चार अमेरिकियों ने हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेन्टेटिव्स का चुनाव जीत लिया है। राष्ट्रपति चुनाव के साथ ही हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेन्टेटिव्स का चुनाव भी होता है। यह अमेरिकी संसद का निचला सदन है, यानी इसकी तुलना भारत के लोकसभा से की जा सकती है।
रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनल्ड ट्रंप ने एलान किया है कि वह सुप्रीम कोर्ट जाकर सभी वोटों की गिनती रुकवाने की अपील करेंगे, क्योंकि उन्हें डर है कि बड़े पैमाने पर घपला कर उनकी जीत को हार में तब्दील कर दिया जाएगा।
डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन 253 इलेक्टोरल वोटों के साथ जीत के पास पहुँच चुके हैं। वह कुल 538 इलेक्टोरल वोटों में से जीत के लिए ज़रूरी 270 वोट से सिर्फ 17 वोट पीछे रह गए हैं। अभी भी 72 इलेक्टोरल वोटों का नतीजा आना बाकी है।
अमेरिका में चल रहे 59वें राष्ट्रपति चुनाव ने देश की दो बड़ी कमज़ोरियों को उजागर किया है। पहली यह कि अमेरिका दलगत राजनीति और संकीर्ण विचारधाराओं के आधार पर कितना बँटा हुआ है। दूसरी यह कि राष्ट्रपति चुनाव प्रणाली में कितनी बड़ी ख़ामियाँ हैं।